Gorakhpur Link Expressway: अब उत्तर प्रदेश को ‘नया उत्तर प्रदेश’ एक्सप्रेस स्टेट भी कहा जा रहा है। जी हां, शुक्रवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे का उद्घाटन किया। लगभग 92 किलोमीटर लंबे इस एक्सप्रेसवे के जरिए गोरखपुर और आजमगढ़ के बीच की दूरी और समय काफी कम हो जाएगा। साथ ही इस एक्सप्रेसवे के जरिए यूपी के कई जिलों को बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी। गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे अब नेपाल इंटरनेशनल सीमा के पास पहुंच गया है।
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे से नेपाल सीमा तक पहुंचना होगा आसान
अगर आप आने वाले दिनों में किसी जगह पर घूमने का प्लान बना रहे हैं, तो Gorakhpur Link Expressway के जरिए नेपाल तक सुगमता के साथ पहुंच सकते हैं। इस एक्सप्रेसवे के जरिए नेपाल अंतर्राष्ट्रीय सीमा से करीब 100 किलोमीटर पास पहुंचा जा सकेगा। ऐसे में नेपाल जाने का सफर काफी सुविधाजनक और सरल होने वाला है। एक्सप्रेसवे के उद्घाटन के दौरान सीएम योगी ने कहा कि यूपी का एक अहम एक्सप्रेसवे अंतर्राष्ट्रीय सीमा के करीब पहुंच गया है। ऐसे में लोगों को पूर्वांचल एक्सप्रेसवे, गोरखपुर सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे, दिल्ली आगरा एक्सप्रेसवे, यमुना एक्सप्रेसवे के माध्यम से दिल्ली समेत कई अन्य बड़े शहरों तक पहुंचना आसान हो जाएगा।
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे से बदल सकती है पूर्वी यूपी की तकदीर
वहीं, Gorakhpur Link Expressway के जरिए यूपी की राजधानी लखनऊ तक पहुंचना काफी आसान हो जाएगा। बताया जा रहा है कि 92 किलोमीटर लंबे इस एक्सप्रेसवे के जरिए सिर्फ 3 घंटे में गोरखपुर से लखनऊ तक का सफर पूरा किया जा सकेगा। रिपोर्ट्स के मुताबिक,लगभग 36000 करोड़ रुपये की लागत से तैयार हुए गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे पूर्वी यूपी की तकदीर बदलने में अहम भूमिका अदा कर सकता है। इस एक्सप्रेसवे से कनेक्टिविटी बढ़िया होगी, तो पूर्वी यूपी के औद्योगिक विकास में भी तेजी देखने को मिल सकती है।
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे से औद्योगिक विकास को मिलेगी नई दिशा
दरअसल, यूपीडा यानी उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने बताया है कि Gorakhpur Link Expressway के साथ गोरखपुर और अम्बेडकनगर में स्थापित किए जा इंडस्ट्रियल पार्क इन दोनों जिलों के साथ उत्तर प्रदेश के औद्योगिक विकास को नई दिशा और रफ्तार प्रदान कर सकते हैं। यूपीडा के मुताबिक, यूपी के हर जिले में औद्योगिक कलस्टर विकसित किए जा रहे हैं। इसमें MSME, एग्रीकल्चर की यूनिट्स और फिशरीज की इकाईयों को भी स्थापित करने की योजना है। ऐसे में जब इन कलस्टर में छोटे-छोटे उद्योग लगेंगे, तो रोजगार के भी नए अवसर पैदा होंगे।