Sambhal Encroachment: पश्चिमी यूपी में स्थित संभल जिले में एक के बाद एक विवादित जमीनें मिलती जा रही हैं। स्थानीय प्रशासन की तत्परता से जमीनों को अतिक्रमण से भी मुक्त कराया जा रहा है। ऐसे में एक सामान्य सा सवाल लोगों के ज़हन में आ ही जा रही है कि संभल में और कितनी विवादित जमीने हैं? जिलाधिकारी राजेन्द्र पेंसिया की ओर से Sambhal Encroachment को लेकर अब एक और बड़ा खुलासा कर दिया गया है। जिलाधिकारी ने बताया है कि कैसे आलम सराय में एक स्कूल के पीछे हजारों वर्ग मीटर जमीन पर अवैध कब्जा जमाया गया है। जबकि जमीन आधिकारिक दस्तावेजों में उद्यान (बाग) के नाम दर्ज है।
Sambhal Encroachment जिलाधिकारी ने ‘आलम सराय’ में अवैध कब्जे को लेकर किया खुलासा
जिलाधिकारी राजेन्द्र पेंसिया ने आज आज मीडिया से बात करते हुए संभल इंक्रोचमेंट को लेकर बड़ा खुलासा किया है। राजेंद्र पेंसिया का कहना है कि “आलम सराय इलाके का प्लॉट नंबर 48, जिसका क्षेत्रफल 10181 वर्ग मीटर है, यहां ‘निशा’ नाम से एक स्कूल संचालित होता है। स्कूल के पीछे की जमीन आज भी ‘बाग’ के नाम से दर्ज है। उद्यान आज भी आधिकारिक दस्तावेजों में है और उस समय के व्यक्तियों के नाम पर पंजीकृत है। किसी के द्वारा भी अभी तक जमीन मालिक के नाम पर स्थानांतरण या पंजीकरण के लिए कोई प्रविष्टि नहीं की गई है। हम मामले की तहकीकात कर रहे हैं जिसके बाद नियमानुसार कार्रवाई को अंजाम दिया जाएगा।”
संभल में एक के बाद एक मिलीं कई विवादित जमीनें!
गौरतलब है कि संभल हिंसा के बाद जारी प्रशासनिक कार्रवाई के बीच जिले में कई विवादित जमीनें मिली हैं। सर्वप्रथम चर्चा शाही जामा मस्जिद के समक्ष बन रहे पुलिस चौकी के लिए चिन्हित की गई जमीन की होगी। दरअसल, इस जमीन को वक्फ बोर्ड की संपत्ति बताया गया। इसके बाद मालिकाना हक रखने वाले शख्स के परिजनों ने इससे किनारा कर लिया और इस पर मालिकाना हक जताने से कतराते नजर आए।
बीते दिन ही संभल नगर कोतवाली के सामने स्थित मुस्लिम कमेटी की दुकानों को लेकर भी सुर्खियां बनी। मुस्लिम कमेटी का दावा है कि दुकानें वक्फ बोर्ड की संपत्ति है, जबकि प्रशासन लगातार अभिलेख की मांग कर रहा है। इससे इतर हरि मंदिर के जमीन पर भी कब्जे को लेकर कई तरह के दावे और प्रशासनिक कार्रवाई देखने को मिले हैं। ऐसे में संभल में लगातार सामने आ रहे अतिक्रमण को लेकर सवाल उठ रहे हैं और पूछा जा रहा है कि जिले में और कितनी विवादित जमीनें हैं।