Uttarakhand New Jail Manual: उत्तराखंड की जेलों में सुविधा बढ़ाने के लिए लंबे समय से मांग चल रही थी। अब सीएम धामी ने राज्य की जेलों में एक नई जेल मैनुअल लागू करने की पूरी तैयारी कर ली है। राज्य के विशेष गृह सचिव ने इस आशय के संकेत देते हुए कहा कि सरकार की अगली कैबिनेट बैठक में इस प्रस्ताव को लाया जा सकता है।
उत्तराखंड की जेलों के लिए 2016 में बढ़ती बंदियों की संख्या को देखते हुए नया जेल मैनुअल बनाने के लिए कहा गया था। इसकी तैयारियां भी की गईं लेकिन 2019 तक भी ये जेल मैनुअल राज्य सरकार तैयार नहीं कर सकी थी। क्षमता से कई गुना बढ़ती बंदियों की संख्या के कारण जेलों की मूलभूत व्यवस्थाएं चरमरा रहीं हैं। जिससे समस्याएं बढ़ रही हैं।इसी को देखते हुए नए जेल मैनुअल की जरूरत महसूस होने लगी थी। इसीलिए इस नए मैनुअल का इंतजार बहुत लंबा हो गया था।
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बता दें कि पुराने जेल मैनुअल में कुछ मूलभूत बदलाव किए गए हैं। जिससे कैदियों की बढ़ती संख्या को नियंत्रित करने के लिए राज्य में नई जेलों का निर्माण करने की आवश्यकता जताई गई है। इसको देखते हुए पिथौरागढ़ में तो एक नई जेल को बनाकर करीब-करीब तैयार भी कर दिया गया है। जो 6 महीने के अंदर ऑपरेशनल हो जाएगी। इससे अन्य जेलों से कैदियों को सुविधानुसार कम तथा शिफ्ट भी किया जा सकेगा। इसके साथ ही जेलों की ढांचागत सुविधाओं में भी विकास होगा। वास्तव में नए जेल मैनुअल में बंदियों के साथ व्यवहारिक रुप से संतोषजनक कार्रवाई करने पर काफी जोर दिया गया है। बंदियों को उनकी रिहाई के लिए प्राथमिकता के आधार पर नियमों में कुछ लचीलापन लाया जाएगा।
अभी राज्य की जेलों के हालात दयनीय हैं। राज्य की कुल 13 जेलों में करीब 5600 कैदी हैं। जबकि क्षमता 3500 की है। इससे सुविधाएं चरमरा गई हैं। जेलों में रहन-सहन और स्वास्थ्य की समस्याएं बढ़ गईं हैं। पुलिस महानिरीक्षक जेल के अधिकार के दायरे बहुत सीमित हैं। जिससे कैदियों को पैरोल मिलने में बहुत कठिनाईयां आ रहीं है।
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