Lohri: भारत में वैसे तो पूरे साल भर पर्व मनाए जाते हैं। लेकिन इसकी शुरुआत लोहड़ी से हो जाती है। आज पूरे देश में फसलों पर समर्पित महापर्व Lohri मनाया जा रहा है। इसके साथ ही देश के अलग-अलग हिस्सों में 15 जनवरी तक Makar Sankranti , Bhogi Pandigai और Pongal जैसे त्याहोर भी मनाएं जाएंगे। वैसे तो इन त्योहारों को भिन्न-भिन्न नाम से जाना जाता है। लेकिन इनका महत्व लगभग एक जैसा ही है। इनमें काफी समानताएं हैं।
लोहड़ी, मकर संक्रांति, भोगी पण्डिगाई और पोंगल में क्या हैं समानताएं?
एक साथ आने वाले इन त्योहारों में क्या समानताएं हैं, आज इसके बारे में जानेंगे। आपको बता दें, Lohri के तुरंत बाद यानी कि 14 जनवरी को मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाएगा। ऐसा माना जाता है कि, लोहड़ी की आग जलने के बाद Makar Sankranti के दिन लोग पावन स्नान करते हैं सूर्य देव की पूजा करते हैं और आग जलाकर ठंड में उसे सेंकते हैं। सूर्य के उत्तारयण होने के बाद लोहड़ी की आग को सार्वजनिक यज्ञ के रुप में मान्यता दी जाती है।
Bhogi Pandigai साउथ में मनाया जाने वाला पर्व है। ये त्योहार मगर संक्रांति का ही रुप माना जाता है। आज 13 जनवरी को लोहड़ी के साथ ये त्योहार मनाया जा रहा है। ये 4 दिनों तक चलता है। Pongal का त्योहार भी इसी बीच मनाया जाता है। इस साल पोंगल 14 जनवरी से शुरु हो रहा है। ये त्याहोरा 4 दिन चक चलेगा। ये पूरा त्योहार फसल से जुड़ा हुआ है। इसमें भगवान सूर्य की भी पूजा होती है।
Lohri में क्या होता है।?
लोहड़ी वैसे को पूरे देशभर में मनाई जाती है। लेकिन इसे मुख्य रुप से पंजाब में मनाया जाता है। शाम के समय लोग इकठ्ठा होकर आग जलता हैं। इस दौरान Lohri से जुड़े गीतों को गाया जाता है। इस खास पर्व पर तिल-गुड़ की पट्टी के साथ लड्डू, चिक्की और पिन्नी जैसी खास चीजें बनाई जाती हैं। इसके साथ ही तिल और गुड़ की खीर भी बनाई जाती है। ये कृषि से जुड़ा पर्व है। आज 13 जनवरी को इसे मनाया जा रहा है।
Makar Sankranti कब है और इसे कैसे मनाते हैं ?
इस साल खिचड़ी का महापर्व मकर संक्रांति 14 जनवरी को मानाया जा रहा है। इस दिन खिचड़ी को खाया जाता है। इसके साथ ही स्नान करके भगवान सूर्य की पूजा की जाती है। मान्यताओं के अनुसार Makar Sankranti पर सूर्य अपनी दिशा बदलता है। इसलिए उत्तर भारत में इसे बहुत ही उल्लास के साथ मनाया जाता है।
Bhogi Pandigai कब से होगा आरंभ और कहां मनाया जाएगा
मकर संक्रांति के साथ ही देश के दक्षिण हिस्से में Bhogi Pandigai पर्व मनाया जाता है। लोहड़ी के साथ ही 13 जनवरी से ही इसकी शुरुआत हो गई है। भोगी पण्डिगाई 4 दिन तक मनाया जाता है। इस महापर्व में भगवान इंद्र की पूजा की जाती है। ये त्योहार किसानो और समृद्धि से जुड़ा हुआ है। इसलिए ये 4 दिनों तक चलता है। इस दौरन बेर, चने गुड़ और फूलों के साथ फसलों को काफी महत्व दिया जाता है।
Pongal कब होगा शुरु?
4 दिनों तक चलने वाला दक्षिण भारत का ये त्योहार पोंगल 14 जनवरी को मकर संक्रांति के साथ ही शुरु होगा। Pongal कृषि और किसानों से जुड़ा हुआ पर्व है। इसलिए इसमें भगवान इंद्र, सूर्य को पूजा जाता है। इसके साथ ही कृषि से जुड़े पशु गाय और बैलों की भी विशेष रुप से पूजा होती है। इस दिन खिचड़ी की तरह की तमाम तरह के व्यंजन बनते हैं।