मंगलवार, अप्रैल 30, 2024
होमधर्मAja Ekadashi 2023: अजा एकादशी का व्रत क्यों है खास? आर्थिक तंगी...

Aja Ekadashi 2023: अजा एकादशी का व्रत क्यों है खास? आर्थिक तंगी से छुटकारा पाने के लिए इन नियमों का करें पालन

Date:

Related stories

Sunburn की समस्या से हैं परेशान तो इन देसी नुस्खों से पाएं आराम

Sunburn: गर्मियां आते ही अक्सर लोगों को सनबर्न (Sunburn)...

Aja Ekadashi 2023: हिंदू धर्म में एकादशी व्रत की काफी ज्यादा मान्यताएं हैं। एकादशी के व्रत को सबसे बड़ा व्रत माना जाता है। ऐसे में आपको बता दें कि, हर महीने में दो एकादशी पड़ती है। पहली एकादशी कृष्ण पक्ष में पड़ती है तो वहीं दूसरी एकादशी शुक्ल पक्ष में होती है। ऐसे में पूरे साल में 24 एकादशी तिथि होती है। हर एक एकादशी को अलग नाम से जाना जाता है। इसी में आपको बता दे कि, आज भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी है जिसे अजा एकादशी भी कहा जाता है। ‌

भगवान विष्णु के साथ मां लक्ष्मी की करें पूजा

एकादशी व्रत के दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। ऐसा कहा जाता है कि, अगर आप इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करेंगे तो इससे आपको अश्वमेघ यज्ञ जितना फल प्राप्त होगा। हिंदू पंचांग के अनुसार अजा एकादशी 9 सितंबर रात 7:17 से शुरू हुई थी। वहीं इसकी समाप्ति 10 सितंबर रात 9:28 पर होगी। इसी कड़ी में आपको बता दें कि, आप अगर व्रत रखना चाहते हैं तो आज के दिन व्रत रख सकते हैं। एकादशी का व्रत रखने के दौरान आप भगवान विष्णु के साथ मां लक्ष्मी की भी पूजा करें। ऐसा करना बेहद शुभ माना जाता है। इसी के साथ भगवान विष्णु के साथ मां लक्ष्मी की पूजा करने से आपकी आर्थिक परेशानियां दूर हो जाएंगी।

एकादशी व्रत की पूजा विधि

एकादशी के दौरान पूजा की विधि की बात की जाए तो, एकादशी में पूजा करने के लिए सुबह जल्दी उठकर आप स्नान करके साफ-सुथरे कपड़ों को धारण करें। इसके बाद गंगाजल छिड़कर अपने आप को और घर को शुद्ध करें फिर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का ध्यान करके व्रत का संकल्प ले। इसके बाद भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की तस्वीर को सामने रखें और उन पर रोली, पीला चंदन, सफेद चंदन, पुष्प, पंचामृत, फल अर्पित करें। साथ ही भगवान विष्णु को तुलसी की पत्तियां जरूर अर्पित करें क्योंकि भगवान विष्णु को तुलसी अधिक प्रिय है। इसके बाद विष्णु पाठ करें और व्रत कथा पड़े। कथा के बाद भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की आरती करें। इसके बाद भगवान के लिए भोग लगाएं और इस बात का ध्यान रखें कि, भोग में तुलसी को जरूर शामिल करें क्योंकि तुलसी के बिना भोग अधूरा रह जाता है।

इन नियमों का करें पालन

वहीं अगर एकादशी व्रत के नियमों की बात की जाए तो, दशमी तिथि से ही सात्विक भोजन खाना शुरू करें और मांस मछली मदीरा से दूरी बना ले। इसी के साथ एकादशी के अगले दिन ब्राह्मण या जरूरतमंद लोगों को भोजन कराएं और दान दक्षिणा दे। आप अपने व्रत का पालन करें व्रत के दौरान हरि का नाम लेते रहें।

देश और दुनिया की तमाम खबरों के लिए हमारा YouTube Channel ‘DNP INDIA’ को अभी subscribe करें। आप हमें FACEBOOKINSTAGRAM और TWITTER पर भी फॉलो कर सकते हैं।

Anjali Sharma
Anjali Sharmahttps://dnpindiahindi.in
अंजलि शर्मा पिछले 2 साल से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम कर रही हैं। अंजलि ने महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी से अपनी पत्रकारिता की पढ़ाई की है। फिलहाल अंजलि DNP India Hindi वेबसाइट में कंटेंट राइटर के तौर पर काम कर रही हैं।

Latest stories