रविवार, मई 19, 2024
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Shobhit University: पर्यावरण और विकास की स्थिरता के लिए उठाने होंगे महत्वपूर्ण कदम: प्रो डॉ एपी गर्ग

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Shobhit University: नागपुर में आयोजित 108वें इंडियन साइंस कांग्रेस में बोलते हुए शोभित विश्वविद्यालय के कुलपति एवं इंडियन साइंस कांग्रेस में एनवायरमेंटल साइंस सेक्शन के प्रेसिडेंट प्रोफेसर डॉ एपी गर्ग ने बताया कि इंडियन साइंस कांग्रेस देश की सबसे बड़ी कॉन्फ्रेंस होती है जिसकी अध्यक्षता देश के प्रधानमंत्री द्वारा की जाती है जो इस बार 3 जनवरी से 7 जनवरी तक नागपुर में आयोजित की गई जिसमें एनवायरमेंटल साइंस सेक्शन का प्रमुख उद्देश्य यह था कि पर्यावरण और विकास की स्थिरता के लिए हमें क्या कर सकते हैं।

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नागपुर में आयोजित हुआ 108वां इंडियन साइंस कांग्रेस


उन्होंने बताया कि पिछले 4 दिनों में 37 से अधिक एनवायरनमेंट के ऊपर आमंत्रित व्याख्यान, 62 से अधिक एनवायरमेंट शिक्षाविदों द्वारा प्रेजेंटेशन एवं 110 से अधिक पर्यावरण और विकास की स्थिरता पर पोस्टर प्रकाशित कर पांच महत्वपूर्ण सुझाव प्रेषित किए गए:

  1. शहरी क्षेत्रों में जैव विविधता के संरक्षण एवं पोलिनेटर उद्यानों को प्रोत्साहित कर सभी कार्यालयों एवं आवासीय क्षेत्रों में कुल क्षेत्रफल के 50 से 20 प्रतिशत तक के छोटे जंगल उद्यानों को अनिवार्य कर दिया जाए तथा उन्हें हरित बायोमास के विकास और उनके द्वारा संरक्षित करने के लिए स्थानीय करों में उसी अनुपात में प्रोत्साहन छूट मिलनी चाहिए।
    2.प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए प्रदूषण कर लागू होना चाहिए जो वाहन उद्योग से होने वाले प्रदूषण की मात्रा के अनुपात में होना चाहिए और जीवाश्म ईंधन के स्थान पर किसी अन्य सौर और विद्युत ऊर्जा को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। लेकिन केवल बायोडिग्रेडेबल बैटरी का उपयोग करने की अनुमति दी जानी चाहिए और इससे मिलने वाले कर को पृथ्वी की बहाली पर खर्च किया जाना चाहिए।
  2. ई-वेस्ट, पॉलीथीन, प्लास्टिक के पुनर्चक्रण और पुन: उपयोग को अनिवार्य बनाया जाए। मिट्टी की उर्वरता बनाए रखने के लिए व्यवस्थित एंटीमाइक्रोबियल्स के उपयोग को रोककर माइक्रोबियल विविधता को संरक्षित किया जाए। प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित किया जाए।
  3. भूजल स्तर को बढ़ाने और बाढ़ को नियंत्रित करने के लिए वर्षा जल संचयन को अनिवार्य बनाया जाए और अतिक्रमण या नदी के किनारों को नियंत्रित किया जाए, नदी को आपस में जोड़ा जाए और जल प्रबंधन प्रणाली में सुधार किया जाए।
    5.पर्यावरण को प्रतिकूल रूप से प्रभावित किए बिना सतत विकास पर शिक्षा और विकास और प्रकृति के बीच संतुलन बनाए रखने के लिए कार्य करने की आवश्यकता है।

डॉ गर्ग ने बताया कि अगर हम उपरोक्त पांचों सुझावों को प्रभावी तरीके से लागू करते हैं तो निश्चित रूप से हम पर्यावरण और विकास की स्थिरता के लिए कुछ कर पाएंगे इससे पहले भी शोभित विश्वविद्यालय पर्यावरण संरक्षण एवं विकास की स्थिरता के लिए अपनी बातें मुखर होकर रखता आया है और संयुक्त राष्ट्र द्वारा निर्धारित सतत विकास लक्ष्य की प्राप्ति के लिए लोगों को जागरूक करता रहा है।

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Aarohi
Aarohihttps://www.dnpindiahindi.in/
आरोही डीएनपी इंडिया में मनी, देश, राजनीति , सहित कई कैटेगिरी पर लिखती हैं। लेकिन कुछ समय से आरोही अपनी विशेष रूचि के चलते ओटो और टेक जैसे महत्वपूर्ण विषयों की जानकारी लोगों तक पहुंचा रही हैं, इन्होंने अपनी पत्रकारिका की पढ़ाई पीटीयू यूनिवर्सिटी से पूर्ण की है और लंबे समय से अलग-अलग विषयों की महत्वपूर्ण खबरें लोगों तक पहुंचा रही हैं।

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