Kidney Disease: किडनी को गुर्दा भी कहा जाता है। इसका काम खून को फिल्टर करके खराब पदार्थों को पेशाब के जरिए बॉडी से बाहर निकलना है। लेकिन अगर किडनी में खराबी होने लगे तो शरीर को गंभीर बीमारियां घेरने लगती हैं। दिल से लेकर दिमाग तक पर किडनी का असर पड़ता है। क्रोनिक किडनी डिजीज में फेलियर जैसी स्थिति शामिल है। अगर इस बीमारी का ठीक से इलाज ना हो या फिर डाइट को ना बदला जाए तो हालत और भी ज्यादा खराब हो सकते हैं। जिसकी वजह से किडनी ट्रांसप्लांट करानी पड़ सकती हैं। कुछ गंभीर स्थितियों में मरीज की मौत तक हो जाती है। इसलिए मरीज को खास तरह का डाइट प्लान फॉलो करने के लिए कहा जाता है। डॉ़क्टर के द्वारा ब्रेकफास्ट , लंच और डिनर के बारे में बताया जा रहा है। इसके साथ ही उनका कहना है कि, किन चीजों का सेवन किडनी के मरीजों को नहीं करना चाहिए।
Kidney Disease में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं?
डॉक्टर कंचन सिंह के द्वारा किडनी मरीजों के डाइट प्लान के बारे में बताया जा रहा है। उनका कहना है कि, किडनी के मरीजों को ऐसा फूड खाना है जिसमें सोडियम की मात्रा कम हो, फास्फोरस की मात्रा कम हो और यहां तक कि पोटेशियम की भी मात्रा कम हो। प्रोटीन भी बैलेंस में हो। अगर आप ज्यादा मात्रा में प्रोटीन का सेवन करते हैं तो यह आपके किडनी पर और भी ज्यादा गलत प्रभाव डालता है। जिससे क्रिएटिनिन लेवल बढ़ जाता है।
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अगर आप क्रॉनिक किडनी डिजीज से पीड़ित हैं तो अपने ब्रेकफास्ट में दूध वाला दलिया ना लें इसके बदले पानी वाला ले सकते हैं। सूजी का चीला खा सकते हैं। सूजी का आप इडली, सूजी का डोसा भी बनाकर आसानी से खा सकते हैं। यहां तक कि आप पोहे का भी सेवन कर सकते हैं। बहुत सारे ऐसे लोग हैं जो पोहे में पीनट यानी कि मूंगफली डालकर भी खाना पसंद करते हैं। लेकिन इस दौरान मूंगफली नहीं खानी है। इससे यूरिक एसिड बढ़ सकता है। इस दौरान सेब और पपीता खा सकते हैं। इमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट किडनी के लिए अच्छे होते हैं। इस दौरान प्रोटीन के लिए मसूर और मूंग की दाल का ही सेवन करें। गेंहू की रोटी के साथ चावल भी खा सकते हैं। किडनी के मरीजों को पालक और बथुए के सेवन से बचना चाहिए। क्योंकि इनमें पोटेशियम बहुत ज्यादा होता है। इनके बदले गोभी, लौकी और तोरी, टिंडे, कद्दू, परवल और सेम खा सकते हैं। किडनी के मरीजों को नमक के सेवन से बचना चाहिए।
किडनी कैसे खराब होती है?
किडनी खराब करने के सबसे बड़े कारण हद से ज्यादा बाहर का तला -भूना , एल्कोहल, डायबिटीज, ब्लड प्रेशर की समस्या, मोटापा, डिहाइड्रेशन के साथ स्मोकिंग करना होता है। कुछ पेन किलर्स भी किडनी पर असर डालती हैं। इसीलिए अपने भोजन का खासतौर पर ध्यान रखें।वहीं, ये अनुवांशिक भी हो सकती है।
Disclaimer: यह लेख और इसमें दी गई चिकित्सीय परामर्श केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से किसी योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। इस लेख में बताए गए तरीकों और दावों को केवल सुझाव माना जाना चाहिए; डीएनपी इंडिया हिंदी न तो इनकी पुष्टि करता है और न ही खंडन करता है। ऐसे किसी भी सुझाव/उपचार/दवा/आहार का पालन करने से पहले हमेशा डॉक्टर से सलाह लें।






