शनिवार, अप्रैल 27, 2024
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बीजेपी साधेगी दिल्ली से Rajasthan पर निशाना, जानें नए कानून मंत्री बने Arjun Ram Meghwal के क्या हैं सियासी मायने

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Rajasthan Weather Update: राजस्थान के अलग-अलग हिस्सों में आज घने कोहरे का कहर देखने को मिला है। इसके साथ ही राज्य के विभिन्न हिस्सों में पारा गिरने के कारण गलन बढ़ने की खबरें भी सामने आ रही हैं।

Arjun Ram Meghwal: कर्नाटक चुनावों के बाद देश के प्रधानमंत्री ने अचानक कैबिनेट फेरबदल का एक बड़ा फैसला ले लिया। इसका फैसला तो दिल्ली में लिया गया। लेकिन इसका निशाना दिल्ली से दूर राजस्थान में जाकर लगा। आज देश को एक नया कानूनमंत्री मिल गया। पीएम मोदी ने अरुणाचल प्रदेश के किरेन रिजिजू से मंत्रालय लेकर राजस्थान से सांसद अर्जुन राम मेघवाल को दे दिया। ऐसे में हुए अचानक इस बड़े बदलाव ने राजनीतिक गलियारों में चर्चा छेड़ दी है। कहा जाने लगा है कि भाजपा इस फैसले के सहारे राजस्थान विधानसभा चुनावों को साधने में जुट गई है। इससे पहले मेघवाल मोदी सरकार 2.0 के गठन से ही संसदीय मामलों और भारी उद्योग और सार्वजनिक उद्यम राज्य मंत्री के पद पर कार्यरत थे।

जानें क्या हैं इस फेरबदल के मायने

कर्नाटक चुनाव के हाहाकारी नतीजे मिलने के बाद बीजेपी के राजस्थान,एमपी,छत्तीसगढ़ तथा छत्तीसगढ़ के चुनावों को लेकर कान खड़े हो गए हैं। इसी कड़ी में आज भाजपा ने कानून मंत्रालय को किरेन रिजिजू से लेकर अर्जुन राम मेघवाल को देकर बड़ा रणनीतिक स्ट्रोक खेल दिया। जानकारों का मानना है कि इसके पीछे उनके प्रशासनिक अनुभव को माना जा रहा है। लेकिन सरकार ने इस फैसले के एक तीर से दो शिकार कर दिए। दरअसल इस फेरबदल का दूसरा पहलू केंद्र और सुप्रीम कोर्ट के बीच चल रहे कॉलेजियम सिस्टम को बदलने के विवाद से भी जुड़ा है। आम तौर पर SCऔर सरकार के बीच एक डेकोरम रहा है कि SC कुछ कहे तो सरकार सुनती है। पलटवार कर आमने-सामने आने से बचा जाता है। लेकिन हाल के दिनों में किरेन रिजिजू ने इस परिपाटी को बदला और कॉलेजियम सिस्टम पर सरकार की मंशा प्रकट कर बेलाग राय रखी है। जिससे लोकतंत्र की दोनों शक्तियों के बीच कुछ असहजता आ गई थी। आमतौर पर यही माना जाता है कि एक दूसरे के कार्यक्षेत्र में दखल से बचें।

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जानें मेघवाल के कानूनमंत्री बनने के क्या हैं मायने

राजस्थान में बड़ी संख्या दलितों की है। कुल 16 फीसदी संख्या में से करीब 60 फीसदी आबादी मेघवाल समाज की है। फिर भी अधिकतर मेघवाल समाज के लोग अब तक अधिकतर कांग्रेस के साथ हैं। लेकिन दलित आरक्षित सीटों पर बीजेपी ने अर्जुनराम मेघवाल के सहयोग से सफलता पाई है। दूसरी बात राजस्थान की अंदरुनी राजनीति में वसुंधरा राजे को भी साधने का काम करेगी। हालांकि 6 बार के सांसद निहालचंद मेघवाल भी पहले मंत्रिमंडल में थे लेकिन बाद में उनकी जगह अर्जुन राम को मौका दिया गया। राजस्थान में कुल 200 सीटों में से 34 सीटें एससी तथा 25 सीटें एसटी वर्ग के लिए आरक्षित हैं। बीजेपी इन सीटों को सुरक्षित करने की रणनीति पर काम कर रही है।

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Hemant Vatsalya
Hemant Vatsalyahttp://www.dnpindiahindi.in
Hemant Vatsalya Sharma DNP INDIA HINDI में Senior Content Writer के रूप में December 2022 से सेवाएं दे रहे हैं। उन्होंने Guru Jambeshwar University of Science and Technology HIsar (Haryana) से M.A. Mass Communication की डिग्री प्राप्त की है। इसके साथ ही उन्होंने Delhi University के SGTB Khalasa College से Web Journalism का सर्टिफिकेट भी प्राप्त किया है। पिछले 13 वर्षों से मीडिया के क्षेत्र से जुड़े हैं।

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