Ladakh News: लद्दाख अपनी खूबसूरत वादियों और ऐतिहासिक धरोहरों के लिए मशहूर है। अब यह इलाका एक नए पर्यटन अनुभव की पेशकश करने जा रहा है। 15 जून से पर्यटक गलवान घाटी के पास स्थित हॉट स्प्रिंग्स का आनंद ले सकेंगे। लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) के करीब स्थित ये गर्म पानी के झरने अब बैटलफील्ड टूरिज्म का हिस्सा बनने जा रहे हैं। यह पहल भारतीय सैनिकों की वीरता को सम्मान देने के साथ-साथ पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से की जा रही है।
Ladakh में खुलेंगे हॉट स्प्रिंग्स, पहली बार मिलेगा आम जनता को प्रवेश
पूर्वी लद्दाख के हॉट स्प्रिंग्स पहली बार आम पर्यटकों के लिए खोले जा रहे हैं। यह दिन विशेष महत्व रखता है क्योंकि इसी दिन पांच साल पहले गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों और चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के बीच संघर्ष हुआ था। इस झड़प में भारत के 20 सैनिक शहीद हुए थे, जबकि चीन के 42 सैनिक मारे गए थे।
फिलहाल, यहां स्थानीय लोगों को भी प्रवेश की अनुमति नहीं है, लेकिन सरकार इस क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार कर रही है। रक्षा मंत्रालय और भारतीय सेना ने इस फैसले को मंजूरी दी है, और Ladakh प्रशासन इसे पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की तैयारियों में जुटा है।
पर्यटकों के लिए सुविधाओं का होगा विस्तार
पर्यटकों की सुविधा के लिए कई इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट शुरू किए गए हैं। अधिकारियों के मुताबिक, दो प्रमुख पर्यटन केंद्र विकसित किए जा रहे हैं। पहला केंद्र दुर्बुक से 5 किलोमीटर की दूरी पर बनेगा, जहां एक कैफेटेरिया, स्मारिका दुकान और लगभग 30 लोगों के ठहरने की सुविधा होगी। दूसरा केंद्र दुर्बुक से 12 किलोमीटर आगे विकसित किया जाएगा।
इसके अलावा, 2020 की घटना की याद में गलवान घाटी में एक संग्रहालय भी बनाया जा रहा है, जहां पर्यटक इस क्षेत्र के इतिहास और भारतीय सैनिकों के बलिदान की जानकारी प्राप्त कर सकेंगे। यह कदम लद्दाख में पर्यटन को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने में मदद करेगा, जिससे पांगोंग झील जैसी अन्य प्रसिद्ध जगहों के साथ-साथ यह इलाका भी आकर्षण का केंद्र बनेगा।
स्थानीय अर्थव्यवस्था को मिलेगा बढ़ावा, पर्यटकों को बरतनी होगी सावधानी
इस योजना से स्थानीय समुदायों को आर्थिक लाभ मिलेगा और ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। युद्ध स्मारकों से लेकर प्राकृतिक और सांस्कृतिक पर्यटन तक, यह पहल Ladakh के पर्यटन उद्योग को मजबूत करेगी।
चूंकि यह क्षेत्र ऊंचाई पर और संवेदनशील सीमा क्षेत्र में स्थित है, इसलिए पर्यटकों को सुरक्षा निर्देशों का पालन करना होगा। सेना की इकाइयों से अनुमति और सुरक्षा व्यवस्था के लिए समन्वय आवश्यक होगा। इसके अलावा, उच्च ऊंचाई पर जाने से पहले अनुकूलन (Acclimatization) प्रक्रिया अपनाने की सलाह दी जाएगी, ताकि स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से बचा जा सके।
भारतीय सैनिकों के बलिदान को सम्मान देने की पहल
भारतीय सेना ऐतिहासिक युद्ध स्थलों को पर्यटन के लिए विकसित करने पर काम कर रही है, ताकि नागरिक इन स्थानों को देखकर सैनिकों की वीरता का अनुभव कर सकें। गलवान घाटी और हॉट स्प्रिंग्स को पर्यटन के लिए खोलना न केवल एक अनूठा यात्रा अनुभव होगा, बल्कि इससे देशवासियों में सेना के प्रति सम्मान और गर्व की भावना भी बढ़ेगी।