Rahul Gandhi: कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने बुधवार को मेक इन इंडिया का हवाला देते हुए PM Modi पर हमला बोला। राहुल गांधी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर पीएम मोदी के जवाबी भाषण को लेकर सोशल मीडिया साइट एक्स पर निशाना साधा और कहा, “प्रधानमंत्री को यह स्वीकार करना चाहिए कि Make in India एक अच्छी पहल होने के बावजूद पूरी तरह विफल हो गई है। 2014 में मैन्युफैक्चरिंग जीडीपी का 15.3% था, जो घटकर 12.6% हो गया है। जो पिछले 60 सालों में सबसे कम है।”
युवाओं के रोजगार के मुद्दे पर Rahul Gandhi का बयान
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने रोजगार का मुद्दा उठाते हुए कहा कि, युवाओं को नौकरियों की सख्त जरूरत है। उन्होंने आगे कहा कि हाल के दिनों में कोई भी सरकार, चाहे वह यूपीए हो या एनडीए, इस राष्ट्रीय चुनौती का बड़े पैमाने पर सामना नहीं कर पाई है।
Make in India पर राहुल गांधी का सवाल
गौरतलब है कि लोकसभा में विपक्ष के नेता Rahul Gandhi ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल से किए गए पोस्ट में लिखा कि, ”प्रधानमंत्री जी, आपने अपने भाषण में ‘मेक इन इंडिया’ का ज़िक्र तक नहीं किया! प्रधानमंत्री को यह स्वीकार करना चाहिए कि ‘मेक इन इंडिया’, एक अच्छी पहल होने के बावजूद, विफल है। 2014 में विनिर्माण GDP के 15.3% से गिरकर 12.6% पर आ गया है – जो पिछले 60 वर्षों में सबसे कम है। भारत के युवाओं को नौकरियों की सख्त ज़रूरत है। हाल के समय में कोई भी सरकार, चाहे वह यूपीए हो या एनडीए, इस राष्ट्रीय चुनौती का बड़े पैमाने पर सामना करने में सक्षम नहीं रही है। हमें अपने विनिर्माण क्षेत्र को पीछे रखने वाली चीज़ों को संबोधित करने और भविष्य की वैश्विक अर्थव्यवस्था में प्रतिस्पर्धी होने के लिए इसे तैयार करने के लिए एक विज़न की ज़रूरत है।”
मेक इन इंडिया को लेकर Rahul Gandhi का सुझाव
आपको बता दें कि कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा कि, ”भारत में उत्पादन के लिए इस विज़न में इलेक्ट्रिक मोटर, बैटरी, ऑप्टिक्स और एआई जैसी उभरती हुई तकनीकों पर भी विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। हमारे विनिर्माण क्षेत्र को पुनर्जीवित करने, अत्याधुनिक विनिर्माण क्षमता विकसित करने और हमें जिन नौकरियों की ज़रूरत है, उन्हें सृजित करने का यही एकमात्र तरीका है। चीन हमसे 10 साल आगे है और उसके पास एक मज़बूत औद्योगिक प्रणाली है – यही बात उन्हें हमें चुनौती देने का आत्मविश्वास देती है। उनके साथ प्रभावी ढंग से प्रतिस्पर्धा करने का एकमात्र तरीका अपनी उत्पादन प्रणाली का निर्माण करना है और इसके लिए हमें दूरदर्शिता और रणनीति की आवश्यकता है।”