शनिवार, जुलाई 27, 2024
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Supreme Court ने फॉर्म 17सी पर आधारित डेटा को सार्वजनिक करने वाले याचिकाकर्ताओं की सभी दलीले को किया खारिज, जानें डिटेल

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Supreme Court: लोकसभा चुनाव 2024 के बीच सुप्रीम कोर्ट ने एक बड़ा फैसला सुनाया है। दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने फॉर्म 17सी पर आधारित डेटा को सार्वजनिक करने की याचिकाकर्ताओं की सभी दलीलों को सिरे से खारिज कर दिया। गौरतलब है कि इसे लेकर सांसद कपिल सिब्बल ने डेटा सार्वजनिक करने को लेकर चुनाव आयोग पर सवाल खड़े किए थे। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने फॉर्म 17सी को सार्वजनिक करने के मामले को खारिज कर दिया है। मालूम हो कि इसे लेकर चुनाव आयोग ने बुधवार यानि 22 मई को एफिडेविट दाखिल किया था।

Supreme Court ने क्या कहा?

मतदाता मतदान डेटा साझा करने के लिए ईसीआई द्वारा कोई वैधानिक आवश्यकता नहीं होने के मद्देनजर, अदालत ने कहा कि “अब मुझे खुली अदालत में कहना होगा कि यह, आ बेल मुझे मार” जैसा है। कोर्ट ने आगे कहा कि अदालत ने आधारहीन आशंकाओं और संदेहों के बारे में चुनाव आयोग की चिंताओं को पूरी तरह से मान्यता दी। हम पहले से चल रही किसी भी चीज को बाधित नही कर सकते है।

कपिल सिब्बल ने चुनाव आयोग पर उठाएं थे सवाल

दरअसल एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा था कि “फॉर्म 17 पर पीठासीन अधिकारी द्वारा हस्ताक्षर किया जाता है और मतदान के अंत में पोलिंग एजेंट को दिया जाता है। अब ईसीआई उस डेटा को वेबसाइट पर क्यों नहीं डालता? समस्या क्या है? इस प्रक्रिया में क्या हो सकता है कि गिने जाने वाले वोटों की संख्या वास्तव में डाले गए वोटों की संख्या से अधिक होगी। हमें नहीं पता कि क्या सही है? ECI इसे वेबसाइट पर डालने से क्यों कतरा रहा है? कोई भी इसे रूपांतरित नहीं कर सकता। पार्टियों को संदेह हो रहा है”।

चुनाव आयोग ने दायर किया था हलफनामा

मालूम हो कि बुधवार को चुनाव आयोग ने फॉर्म17सी को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दाखिल किया था जिसमें कहा गया था कि “चुनाव आयोग ने अदालत को बताया कि डेटा जारी करने से भ्रम पैदा हो सकता है क्योंकि इसमें डाक मतपत्र के आंकड़े शामिल हैं, और प्रकाशित संख्याओं की छवियों के साथ छेड़छाड़ की जा सकती है और इससे “व्यापक असुविधा” हो सकती है”।

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