Grok 3: एलन मस्क ने धरती के सबसे स्मार्ट एआई मॉडल को बीते दिन लॉन्च कर दिया। इस एआई मॉडल का सीधा मुकाबला Google Gemini, DeepSeek और चैटजीपीटी से माना जा रहा है। आपको बता दें कि ग्रोक चैटबॉट में 2 मॉडल पेश किए गए हैं, इसमें बीटा और मिनी शामिल है। ग्रोक की टीम ने दावा किया है कि यह पुराने एआई मॉडल ग्रोक 2 से 10 गुना ज्यादा पावरफुल है। ग्रोक में डीपसर्च टूल को जोड़ा गया है, जो गूगल जेमिनी, डीपसीक मॉडल को सीधे चुनौती देता है। ऐसे में ग्रोक का नया वर्जन का डीपसर्च टूल कितना दमदार हैं, आइए आगे जानते हैं, इसकी जानकारी।
Grok 3 में हुआ है इतने जीपीयू का इस्तेमाल
अगर आप ग्रोक 3 एआई चैटबॉट मॉडल का इस्तेमाल करना चाहते हैं, तो आपको बता दें कि इसका एक्सेस सिर्फ प्रीमियम प्लस यूजर्स को दिया जाएगा। ग्रोक 3 की टीम के मुताबिक, इस एआई मॉडल को शुरुआती 122 दिनों तक दो फेज में प्रशिक्षित किया गया है। इसके लिए लगभग 1 लाख जीपीयू का इस्तेमाल किया गया है। टीम ने यह भी बताया है कि इसमें कुल 2 लाख जीपीयू का यूज किया गया है।
ग्रोक 3 में Google Gemini, DeepSeek की तरह डीपसर्च टूल मिलता है, जोकि मुश्किल रिजनिंग, जनरल नॉलेज और एनालिटिक्स जैसा काम भी करने में सक्षम है। दूसरी तरफ, गूगल जेमिनी का डीपसर्च टूल अभी शुरुआती दौर में चल रहा है। गूगल के मुताबिक, आने वाले समय में इसमें बड़ा बदलाव किया जा सकता है। वहीं, डीपसीक एआई मॉडल का डीपसर्च टूल कठिन मैथ्य के सवालों का जवाब बेहद ही कम समय में दे सकता है। इसके साथ ही यह रिजनिंग में भी कई मुश्किल सवालों का जवाब दे सकता है।
ग्रोक 3 के लिए देने पड़ सकते हैं इतने रुपये
एलन मस्क के Grok 3 एआई मॉडल का भारत में सालाना आधार पर प्रीमियम प्लस प्लान 34000 रुपये से ज्यादा रखा गया है। वहीं, Google Gemini के एडवांस वर्जन के लिए यूजर्स को पेड मेंबरशिप लेनी होती है। हालांकि, DeepSeek एआई मॉडल का इस्तेमाल करने के लिए यूजर्स को कोई शुल्क नहीं देना होता है। ग्रोक 3 की अधिक कीमत कई लोगों को इससे दूर कर सकती है। रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि गूगल जेमिनी का इस्तेमाल करने के लिए कई यूजर्स ने अपनी दिलचस्पी दिखाई है। वहीं, डीपसीक एआई मॉडल के लिए यूजर्स को सिर्फ लॉगइन करने की जरूरत है। ऐसे में आप अपनी जरूरत के हिसाब किसी भी एआई मॉडल का चुनाव कर सकते हैं।