Sunday, May 18, 2025
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ISRO का एक और नया कीर्तिमान! अंतरिक्ष में GSLV-F15 लॉन्च कर लहराया परचम, जानें कैसे होगा देश को फायदा?

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श्रीहरिकोटा में कीर्तिमान रचेगा ISRO! 100वें रॉकेट की लॉन्चिंग कर लहराएगा परचम, जानें कैसे नेविगेशन क्षमता को मिलेगी मजबूती?

ISRO: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन, 29 जनवरी 2025 को एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर स्थापित करने जा रहा है। इस दिन ISRO अपने 100वें रॉकेट लॉन्च के रूप में GSLV-F15 रॉकेट को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च करेगा।

ISRO: अंतरिक्ष में भारत लगातार नया कीर्तिमान छू रहा, इसी बीच ISRO ने GSLV-F15 लॉन्च करके पूरी दुनिया में भारत का परचम लहरा दिया है। बता दें कि आज श्री हरि कोटा से GSLV-F15 रॉकेट को लॉन्च किया गया, जिसने नेविगेशन सेटेलाइट NVS-02 उपग्रह को सफलतापूर्वक जियोसिंक्रोनस ट्रांसफर ऑर्बिट में स्थापित किया। माना जा रहा है कि इससे वायु, भूमि समेत अन्य जगहों पर यह काफी अहम रोल निभाएगा।

ISRO ने अंतरिक्ष में 100वीं सैटलाइट किया लॉन्च

बता दें कि आज श्री हरिकोटा से GSLV-F15 रॉकेट को लॉन्च किया गया, यह इसलिए और ऐतिहासिक बन जाता है, क्योंकि यह भारत की 100वीं सैटलाइट है, जिसे यह और ऐतिहासिक बनाता है। वहीं सफल लॉन्च के बाद इसरो ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा कि

“यहां GSLV-F15/NVS-02 लॉन्च के आश्चर्यजनक दृश्य हैं। भारत की अंतरिक्ष यात्रा के लिए एक गौरवपूर्ण मील का पत्थर”। गौरतलब है कि यह अंतरिक्ष में भारत का 100वां सैटलाइट है, जो इस लॉन्च को और ऐतिहासिक बनाता है।

GSLV-F15 लॉन्च से भारत को कैसे होगा फायदा?

बताते चले कि NVS-02 उपग्रह को सफलतापूर्वक जियोसिंक्रोनस ट्रांसफर ऑर्बिट में स्थापित किया। माना जा रहा है कि नेविगेशन के लिए यह काफी उपयोगी साबित होगा साथ ही, जमीन से लेकर आसमान तक नेविगेशन की सुविधा प्रदान की जाएगी। इसका सबसे बड़ा फायदा यह है होगा कि कश्मीर से कन्याकुमारी तक सड़क यात्रा, समुंद्री यात्रा, साथ ही हवाई क्षेत्र में भी भारत को काफी फायदा मिलने की उम्मीद है।

GSLV-F15 के सफल प्रेक्षपण पर क्या बोले SDSC के निदेशक?

न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए SDSC के निदेशक राजराजन ने कहा कि “भारत के स्पेसपोर्ट से, हम गगनयान कार्यक्रम के लिए दूसरा लॉन्च पैड विकसित करने की कोशिश कर रहे हैं जो पहले से ही चल रहा है।

तीसरा लॉन्च पैड पहले से ही चल रहा है। भारत सरकार ने मंजूरी दे दी है।” मंजूरी मिल गई है, इसलिए चार साल के भीतर हमें तीसरा लॉन्च पैड विकसित करना होगा जो तीसरी पीढ़ी के लॉन्च वाहन के परीक्षण और लॉन्चिंग को पूरा करेगा”। माना जा रहा है कि इससे काफी फायदा मिलने की उम्मीद है।

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