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Rajasthan Election 2023: गहलोत सरकार ने 22 साल से चले आ रहे नियम को बदला, कर्मचारियों को साधने की कोशिश

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Rajasthan Assembly Election 2023: राजस्थान की सियासत में एक बार फिर बयानबाजी का दौर जारी है। इसको लेकर कहा जा रहा है कि बयानबाजी का क्रम चुनाव तक बना रहेगा और आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी जारी रहेगा। इसी कड़ी में सूबे के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने एक बयान से सियायसी सरगर्मी बढ़ा दी है। उन्होंने इशारों-इशारों में ही खुद को मुख्यमंत्री पद का दावेदार घोषित कर दिया है।

Rajasthan Election 2023: राजस्थान के कर्मचारियों के लिए गहलोत सरकार ने बड़ा फैसला ले लिया है। अब दो से अधिक बच्चे वाले कर्मचारियों का भी प्रमोशन नहीं रोका जाएगा। इसके साथ ही वेतन वृद्धि नहीं रोकी जाएगी। इस फैसले से गहलोत ने 22 साल से चले आ रहे सरकारी नियम को पलट दिया है। ऐसा माना जा रहा है कि इस फैसले से करीब 8 लाख राज्य कर्मचारियों को इसका सीधा लाभ मिलेगा। इसके साथ-साथ इसे बड़े चुनावी दांव के रुप में भी देखा जा रहा है।

जानें क्या है इस आदेश में

गुरुवार को जारी अधिसूचना के मुताबिक सीधी भर्ती से आए कर्मचारियों को इस संशोधित अधिसूचना का लाभ नहीं मिलेगा। दो से अधिक संतान होने के कारण दंडित कर्मचारी को बड़ी राहत दी जा रही है। जिनका प्रमोशन रोक दिया गया था। ऐसे कर्मचारी जिनका 2019-20 में प्रमोशन ड्यू है, उसे उसी साल से प्रमोशन का लाभ मिलेगा। उसे वेतन वृद्धि का लाभ भी तीन साल बाद दे दिया जाएगा।

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क्या होगा कर्मचारियों को फायदा

राज्य कर्मचारी काफी लंबे समय से इसमें राहत की मांग कर रहे थे। राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने राज्य के सरकारी कर्मचारियों को चुनावी साल में एक बड़ा तोहफा दे दिया है। यह फैसला कर्मचारियों के प्रमोशन और वेतन वृद्धि को लेकर है। गुरुवार को कार्मिक विभाग की ओर से एक संशोधित आदेश जारी किया गया। जिसमें कहा गया कि राजस्थान में अब से उन कर्मचारियों की पदोन्नति और वेतन वृद्धि नहीं रोकी जाएगी, जिनकी दो से अधिक संतान हैं। इसे उन कर्मचारियों के लिए बड़ी राहत के रुप में देखा जा रहा है। जो अधिक संतान होने के कारण नौकरी में 3 अथवा 5 साल के प्रमोशन और इंक्रीमेंट से वंचित हो जाते थे। अब इस फैसले से अब कर्मचारी को उसके मूल वर्ष से ही प्रमोशन दिया जाएगा। जब से उसे वंचित किया गया है।

22 साल से था ये नियम लागू

आपको बता दें राजस्थान में भाजपा की सरकार में वसुंधरा राजे सिंधिया पहली बार राज्य की सीएम बनीं थीं। 1 जून 2002 से राजस्थान सरकार ने किसी भी कर्मचारी या अधिकारी के तीसरी संतान होने पर कर्मचारी के प्रमोशन पर रोक लगा दी थी। इससे कर्मचारी को बहुत नुकसान हो रहा था। इस कारण कर्मचारी की 3 साल की वरिष्ठता भी प्रभावित हो रही थी। जो प्रमोशन 1 जनवरी 2005 को मिलना था वो उसे 1 जनवरी 2010 में मिल पा रहा था। लेकिन गहलोत सरकार ने इस नियम में बड़ा बदलाव किया गया है। अब प्रमोशन के साथ मूल वरिष्ठता भी वापस मिलेगी।

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Hemant Vatsalya
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Hemant Vatsalya Sharma DNP INDIA HINDI में Senior Content Writer के रूप में December 2022 से सेवाएं दे रहे हैं। उन्होंने Guru Jambeshwar University of Science and Technology HIsar (Haryana) से M.A. Mass Communication की डिग्री प्राप्त की है। इसके साथ ही उन्होंने Delhi University के SGTB Khalasa College से Web Journalism का सर्टिफिकेट भी प्राप्त किया है। पिछले 13 वर्षों से मीडिया के क्षेत्र से जुड़े हैं।

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