सोमवार, सितम्बर 29, 2025
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पेट्रोल-डीजल की कीमतों में उछाल! क्या है Strait of Hormuz जिसके बंद होने से भारत समेत कई देशों में आ जाएगा कच्चे तेल का संकंट; जानें ईरान की मंशा

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Strait of Hormuz: इजरायल ईरान युद्ध (Israel Iran War) के बीच अमेरिका की एंट्री ने सबको चौंका दिया है। बता दें कि आज सुबह की अमेरिका ने ईरान के तीन परमाणु ठिकानों पर हमला कर दिया है। इस हमले के बाद वर्ल्ड वॉर-3 की चर्चा तेज हो गई है। दरअसल अमेरिका द्वारा ईरान पर किए गए हमले के बाद अब खबर सामने आ रही है कि ईरान Strait of Hormuz को बंद कर सकता है। बता दें कि स्ट्रेट ऑफ होर्मुज जो पूरी दुनिया के लिए एक महत्वपूर्ण तेल मार्गों में से एक है, अगर ऐसा होता है तो भारत समेत दुनिया के कई देशों को नुकसान सहना पड़ सकता है। चलिए आपको बताते है इससे जुड़ी सभी अहम जानकारी।

क्या है Strait of Hormuz जिसके बंद होने से दुनिया की बढ़ जाएगी टेंशन?

गौरतलब है कि Israel Iran War की एंट्री ने कई हद तक चीजें और खराब कर दी है। वहीं अब ईरान इसका जवाब देने की पूरी तैयारी कर रहा है, जिससे केवल अमेरिका ही नहीं कई देशों की मुश्किलें बढ़ सकती है। दरअसल ईरान Strait of Hormuz को बंद करने पर विचार किया जा रहा है, स्ट्रेट ऑफ होर्मुज दुनिया के लिए सबसे महत्वपूर्ण तेल मार्गों में से एक और ईरान का एक कदम दुनिया के सामने बड़ा संकंट खड़ा कर सकता है।

बता दें ये एक प्रमुख समुद्री तेल मार्ग है, जिस पर ईरान का नियंत्रण है और यही एक मात्र वो रास्ता भी है, जिससे होकर खाड़ी देशों से तेल की सप्लाई होती है, यानि अगर यह मार्ग बंद हो जाता है, तो असर अमेरिका समेत तमाम यूरोपीय देशों के साथ ही भारत पर भी साफ देखने को मिल सकता है। रिपोर्टस के मुताबिक 26 फीसदी कच्चे तेल व्यापार होता है। यानि साफ है कि अगर यह रूट बंद होता है तो कई देशों को नुकसान हो सकता है।

स्ट्रेट ऑफ होर्मुज के बंद होने पर भारत पर कितना पड़ेगा असर?

विदेश मामलों के विशेषज्ञ रोबिन्दर सचदेव से जब पूछा गया कि यदि ईरान के परमाणु संयंत्रों पर अमेरिकी हमले के मद्देनजर Strait of Hormuz को बंद कर देता है तो भारत को क्या प्रभाव झेलना पड़ेगा। इसपर वह कहते है कि “अगर ईरान स्ट्रेट ऑफ होर्मुज को बंद कर देता है, तो भारत को निश्चित रूप से नुकसान होगा।

दुनिया का करीब 20 प्रतिशत कच्चा तेल और 25 प्रतिशत प्राकृतिक गैस इन्हीं से होकर बहती है। भारत को नुकसान होगा क्योंकि तेल की कीमतें बढ़ेंगी, मुद्रास्फीति बढ़ेगी और एक अनुमान है कि कच्चे तेल की कीमत में हर दस डॉलर की वृद्धि से भारत के सकल घरेलू उत्पाद को 0.5 प्रतिशत का नुकसान होगा”। अगर ऐसा होता है तो पेट्रोल डीजल में भी भारी बढ़ोतरी हो सकती है।

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