US China Trade War: खुले तौर पर लोहा लेने का काम चीन कर रहा है। यूएस चीन ट्रेड वार के बीच बीजिंग की ओर से एक ऐसी टिप्पणी जारी की गई है, जो उसके सख्त रवैये को दर्शाता है। चीन ने तल्ख लहजे में कहा है कि वह समान स्तर की वार्ता का स्वागत करता है, लेकिन चीन की कीमत पर होने वाले किसी भी समझौते का विरोध करता है। ऐसी स्थिति खुल कर जवाबी कार्रवाई की जाएगी। US China Trade War बीच शी जिनपिंग प्रशासन का ये रुख उनकी सख्ती को दर्शाता है। साथ ही ये भी सवाल उठ रहे हैं कि क्या चीन, भारत को संदेश देना चाह रहा है? इन्हीं तमाम संभावनाओं और उठते सवालों के इर्द-गिर्द हम जवाब ढूंढ़ने की कोशिश करेंगे।
US China Trade War के बीच फ्रंटफुट पर बीजिंग शासन!
तल्ख भाव में बीजिंग की आई प्रतिक्रिया ये बताने के लिए काफी है कि वो डोनाल्ड ट्रंप की नई टैरिफ नीतियों को लेकर सहज नहीं है। यूएस चीन ट्रेड वार के बीच बीजिंग की ओर से स्पष्ट किया गया है कि वह दुनिया के तमाम उन देशों और अमेरिका के बीच समान स्तर की वार्ता का स्वागत करता है। लेकिन चीन की कीमत पर होने वाले किसी भी समझौते का विरोध करता है। चीन ने इसके साथ ही ऐसे सौदों को आगे बढ़ाने पर सख्त जवाबी कार्रवाई की चेतावनी दी है। ऐसे में US China Trade War के बीच बीजिंग शासन का डोनाल्ड ट्रंप को घेरना उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। साथ ही ये भी स्पष्ट है कि शी जिनपिंग रेसिप्रोक टैरिफ पर जवाबी कार्रवाई से पीछे नहीं हटने वाले हैं।
क्या इशारों-इशारों में भारत को संदेश भेज रहा चीन?
ये ऐसा सवाल है जिसकी गुत्थी शायद इतनी आसानी से नहीं सुलझ सकती है। भारत-चीन की प्रतिद्वंदिता दुनिया ने देखी है। रक्षा समझौता से लेकर व्यापार जैसे मोर्चे पर दोनों देश कई दफा आमने-सामने आ चुके हैं। ऐसे में जब US China Trade War का दौर जारी है, तब भारत का अमेरिका के निकट जाना शी जिनपिंग को खटक सकता है। अमेरिका टैरिफ राहत के बदले में बीजिंग के साथ व्यापार को प्रतिबंधित करने के लिए अन्य देशों से समझौता कर सकता है।
इस फेहरिस्त में एशिया में तेजी से उभरता भारत, अमेरिका की पहली पसंद हो सकता है। यही वजह है कि बीजिंग की ओर से पहले ही जवाबी कार्रवाई के संकेत दिए गए हैं। बीजिंग की टिप्पणी को भारत के लिए भी एक संदेश के रूप में देखा जा रहा है। हालांकि, टैरिफ वॉर मामले में भारत बगैर किसी प्रतिद्वंदी की चिंता करते हुए अपने बनाए राह पर तेजी से आगे बढ़ रहा है।