Gorakhpur Siliguri Expressway: सड़कों का जाल जिस तरह से देश में बिछ रहा है, वो काबिले गौर है। इसके लिए सरकार की भर-भरकर तारीफ होनी चाहिए। एक ऐसा ही शानदार प्रोजेक्ट पूर्वांचल और बिहार के हिस्से भी आया है, जो तस्वीर बदलने की क्षमता रखता है। यहां बात गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेस-वे की हो रही है। 519 किमी लंबा ये एक्सप्रेस-वे यूपी के पूर्वी इलाके से होते हुए बिहार और फिर पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी तक जाएगा। इसका निर्माण शीघ्र ही शुरू हो सकता है। Gorakhpur Siliguri Expressway को यूपी और बिहार के साथ बंगालवासियों के लिए भी बड़ा तोहफा माना जा रहा है। दावा किया जा रहा है कि ये एक्सप्रेस-वे ना सिर्फ कनेक्टिविटी, बल्कि अर्थव्यवस्था और रियल स्टेट उद्योग को भी तगड़ी गति देगा।
Bihar के इन 8 जिलों की तस्वीर बदलेगा Gorakhpur Siliguri Expressway!
कुर्सी की पेटी बांध लीजिए, क्योंकि एक शानदार खबर आपके हिस्से आई है। दरअसल, सरकार ने निकट भविष्य में पूर्वांचल को पश्चिम बंगाल से जोड़ने का शानदार प्लान बनाया है। इसके लिए गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेस-वे का निर्माण किया जाएगा। इस शानदार एक्सप्रेस-वे प्रोजेक्ट से बिहार के 8 जिले जुडे़ंगे। Gorakhpur Siliguri Expressway पूर्वांचल में गोरखपुर से शुरू होकर देवरिया, कुशीनगर होते हुए बिहार में प्रवेश करेगा। यहां से पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया और किशनगंज जिलों से होकर ये एक्सप्रेस-वे पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी जनपद में प्रवेश करेगा। ऐसे में इस एक्सप्रेस-वे से ना सिर्फ पूर्वांचल, बल्कि समूचे बिहार की तस्वीर भी बदलेगी और कनेक्टिविटी जबरदस्त तरीके से बढ़ेगा।
कनेक्टिविटी के साथ अर्थव्यवस्था को गति देगा गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेस-वे
प्रारंभिक सूचनाओं के मुताबिक इस प्रोजेक्ट के निर्माण पर सरकार लगभग 37465 करोड़ रुपये खर्च करेगी। 6-लेन वाले Gorakhpur Siliguri Expressway की शुरुआत पूर्वांचल से होगी और बिहार से होते हुए पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी में इसका समापन होगा। 519 किमी लंबे इस एक्सप्रेस-वे को 120 किमी. प्रति घंटे की रफ्तार से वाहन दौड़ाने के लिहाज से डिजाइन किया जाएगा। गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेस-वे के निर्माण के बाद यूपी से बिहार और बंगाल तक कनेक्टिविटी को रफ्तार मिलेगी। इसके साथ ही एक्सप्रेस-वे कई संभावनाओं के द्वार खोलेगा और मार्ग के किनारे होटल, रेस्टोरेंट, पेट्रोल-पंप, शैक्षणिक संस्थान व अस्पताल जैसे बुनियादी ढ़ाचे बनेंगे। इनके निर्माण से न सिर्फ रियल स्टेट उद्योग को गति मिलेगी, बल्कि केन्द्र के साथ राज्य सरकारों की अर्थव्यवस्था पर भी इसका सकारात्मक असर पड़ेगा।