शनिवार, जून 7, 2025
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Income Tax News: ध्यान दें! ITR दाखिल करने से पहले करदाता इन नए नियमों का रखें खास ख्याल, जरा सी गलती और हो जाएगा भारी नुकसान; जानें पूरी डिटेल

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Income Tax News: आईटीआर दाखिल करने की प्रक्रिया शुरू होने में महज अब कुछ दिनों का ही समय बच गया है, बता दें कि आयकर विभाग ने इसके अंतिम तारीख को भी बढ़ा दिया है। हालांकि वित्त वर्ष (2024-25) के आईटीआर दाखिल करने के नियमों में कुछ बदलाव किए है, जिसके आयकर विभाग लगातार अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स के माध्यम से जानकारी दे रही है। गौरतलब है कि बजट के दौरान वित्त मंत्री ने टैक्सपेयर्स को बड़ी राहत देते हुए 12 लाख रूपये तक छूट दी है। वहीं आज इस लेख के माध्यम से हम आपको बताएंगे, कुछ नए नियम के बारे में जो आईटीआर दाखिल करने में काफी काम आएंगे।

ITR दाखिल करते वक्त करदाता इन नए नियमों का रखा खास ख्याल – Income Tax News

बता दें कि विभाग ने आईटीआर फॉर्म-1 और फॉर्म-4 में बड़ा बदलाव किया है। यानि अब अगर करदाता कोई जानकारी दर्ज करते है तो उन्हें फॉर्म में एक-एक चीज दाखिल करनी होगी।

एचआरए क्लैम (Income Tax News) मालूम हो कि ओल्ड टैक्स रिजीम के तहत करदाता टैक्स बचाने के लिए एचआर क्लैम करते है, लेकिन अब जानकारी दर्ज करते समय काम की जानकारी दर्ज करनी होगी, साथ ही रेंट पेमेंट, कितना एचआरए मिलता है, सैलरी ब्रेकअप कितना है। इसके अलावा करदाता को यह भी बताना होगा कि वह मेट्रो सिटी में रहते है या फिर नॉन मेट्रो सिटी में। यह सभी चीजें आईटीआर फॉर्म-1 में दर्ज करना होगा।

80 सी के तहत कर कटौती – मालूम हो कि टैक्सपेयर्स टैक्स में छूट के लिए 80 सी का इस्तेमाल करते है, जिसमे अधिकतम 1.5 लाख रूपये तक की छूट मिलती है। जिसमे एफडी, पीपीएफ, लाइफ इंसोरेंस समेत कई चीजें शामिल है, वहीं अब आयकर दाखिल करते वक्त पॉलिसी नंबर या दस्तावेज की जरूरत होगी।

80 डी के तहत टैक्स कटौती – ओल्ड टैक्स रिजीम के तहत टैक्सपेयर्स हेल्थ इंश्योरेंस के माध्यम से टैक्स छूट प्राप्त करने के हकदार होते है। वहीं अब फॉर्म दाखिल करते वक्त इंश्योरेंस की कॉपी, पॉलिसी नंबर या फिर जरूरी दस्तावेज देने होंगे।

80ई के तहत टैक्स कटौती – धारा 80ई के तहत शिक्षा ऋण पर ब्याज कटौती का दावा करने के लिए, करदाताओं को विस्तृत ऋण जानकारी प्रदान करनी होगी। इसमें ऋणदाता का नाम, बैंक का नाम, खाता संख्या, मंजूरी की तारीख, कुल स्वीकृत राशि, 31 मार्च तक बकाया राशि और भुगतान किया गया ब्याज शामिल है (Income Tax News)।

गौरतलब है कि आईटीआर दाखिल करते समय टैक्सपेयर्स द्वारा जानकारी नहीं दर्ज की जाती है, तो उनका रिटर्न कैंसिल हो सकता है, और उन्हें भारी नुकसान सहना पड़ सकता है।

आईटीआर दाखिल करने की प्रक्रिया हुई शुरू

करदाताओं के लिए आईटीआर दाखिल करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। हालांकि इस दौरान करदाताओं को बहुत सावधानी से अपना इनकम टैक्स रिटर्न दर्फ करना चाहिए, ताकि किसी भी प्रकार की गलती स बचा जा सकें। वहीं अगर अंतिम तारीख की बात करें तो इसे 31 जुलाई से बढ़ाकर 15 सितंबर कर दिया गया है, जिससे टैक्सपेयर्स को और अधिक समय मिल जाएगा।

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