शुक्रवार, जुलाई 26, 2024
होमख़ास खबरेंBharat Ratna: पूर्व प्रधानमंत्री पी वी नरसिम्हा राव का बचपन से लेकर...

Bharat Ratna: पूर्व प्रधानमंत्री पी वी नरसिम्हा राव का बचपन से लेकर भारत रत्न तक का सफर, जानें सबकुछ

Date:

Related stories

‘मुसलमानों को BJP से नफरत…!’ Ayodhya में पार्टी की हार पर संविधान को लेकर क्या बोले Vikas Divyakirti? देखें वीडियो

Vikas Divyakirti Viral Video: एक पूर्व सिविल सेवक, शिक्षक, लेखक एवं व्याख्यात यूट्यूबर डॉ. विकास दिव्यकीर्ति इन दिनों खूब सुर्खियों में है। उन्होंने बीते दिनों समाचार एजेंसी एएनआई पर स्मिता प्रकाश के साथ एक पॉडकास्ट में हिस्सा लिया जिसमें अयोध्या में BJP की करारी हार को लेकर विकास दिव्यकीर्ति ने कई पहलुओं पर बात की।

Kanwar Yatra 2024: नेमप्लेट विवाद के बीच RLD चीफ Jayant Chaudhary की प्रतिक्रिया, बोले- ‘क्या कुर्ते पर भी लिखे नाम’

Kanwar Yatra 2024: उत्तर प्रदेश में 'योगी सरकार' की ओर से एक निर्देश जारी कर स्पष्ट किया गया कि कांवड़ रूट वाली सभी दुकानों पर नेमप्लेट लगे होने चाहिए। दावा किया गया कि ये फैसला कांवड़ियों (Kanwar Yatra 2024) की आस्था को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।

Narendra Modi: क्या अगले दशक तक देश की कमान संभालेंगे PM मोदी? Vikas Divyakirti के ये दावे Congress को कर देंगे हैरान!

Narendra Modi: भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जनाधार का कोई जवाब ही नहीं। देश-दुनिया के विभिन्न हिस्सों में लोगों के अंदर उनके प्रति गजब की दीवानगी देखने को मिलती है। पीएम मोदी (Narendra Modi) चाहें देश के किसी हिस्से में दौरे पर चले जाएं या विदेश के दौरे पर हों उनके समर्थकों का उत्साह देखने लायक होता है।

Bharat Ratna: पूर्व प्रधान मंत्री पी वी नरसिम्हा राव को भारत के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार Bharat Ratna से सम्मानित किया गया है। एक प्रतिष्ठित विद्वान और राजनेता के रूप में नरसिम्हा राव ने विभिन्न क्षमताओं में भारत की बड़े पैमाने पर सेवा की। बता दें कि पी वी नरसिम्हा राव देश के 9वें प्रधानमंत्री थे। उन्हें देश में आर्थिक सुधारों का जनक के रूप में भी जाना जाता है। पी वी नरसिम्हा राव राजनीति के अलावा कला, संगीत और साहित्य आदि विभिन्न क्षेत्र में अच्छी समझ रखते थे।

कौन थे पी वी नरसिम्हा राव जिन्हें मिला Bharat Ratna

पामुलपर्थी वेंकेट नरसिम्हा राव का जन्म 28 जून 1921 को हुआ और 23 दिसंबर 2004 को निधन हुआ।शुरुआती पढ़ाई के बाद अपनी शिक्षा को आगे बढ़ाने के लिए आगे बढ़े जहां बाद में वे अपनी पुस्तकों और भारत की स्वतंत्रता की लड़ाई में स्वतंत्रता की खोज दोनों के साथ गहराई से जुड़ गए।(Bharat Ratna) उन्होंने उस्मानिया विश्वविद्यालय से कला में स्नातक की डिग्री और मुंबई विश्वविद्यालय के फर्ग्यूसन कॉलेज से कानून में मास्टर डिग्री प्राप्त की।

वह एक वकील और अविभाजित आंध्र प्रदेश  के कद्दावर कांग्रेस नेता थे। जो भारत के 9वे प्रधानमंत्री बने। कांग्रेस के दिग्गज नेता नरसिम्हा राव को अक्सर 1991 में भारत में आर्थिक सुधार लाने का श्रेय दिया जाता है।(Bharat Ratna) देश के आजादी के बाद पी वी नरसिम्हा राव पूर्णकालिक राजनेता बन गए। वह 1957 में पहली बार विधायक चुने गए। 1971 तक उन्होंने राज्य सरकार में कई मंत्री पद संभाले। वह 1970 में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री बने। उन्हें इंदिरा गांधी का करीबी नेता माना जाता था।

ऐसा रहा पी वी नरसिम्हा राव का राजनीतिक करियर

बता दें कि नरसिम्हा राव 1957 से 1977 तक आंध्र प्रदेश विधान सभा के सदस्य 1977 से 1984 लोकसभा के सदस्य रहे और दिसंबर 1984 में रामटेक से आठवीं लोकसभा के लिए चुने गए।(Bharat Ratna) वह भारतीय विद्या भवन के आंध्र केंद्र के अध्यक्ष भी रहे। पी वी नरसिम्हा राव 14 जनवरी 1980 से 18 जुलाई 1984 तक विदेश मंत्री रहे। 19 जुलाई 1984 से  31 दिसंबर 1984 तक गृहमंत्री और 31 दिसंबर 1984 से 25 सितंबर 1985 तक रक्षा मंत्री रहे। बता दें कि उन्होंने 5 नवंबर 1984 से योजना मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार भी संभाला था।

पी वी नरसिम्हा राव का पार्थिव शरीर कांग्रेस ऑफिस में नही आने दिया

राव के निधन के एक दिन बाद 24 दिसंबर 2004 को सुबह 10 बजे फूलों से सजी एक सेना की गाड़ी उनके पार्थिव शरीर को लेकर मोतीलाल नेहरू मार्ग स्थित उनके घर से निकली। सेना की गाड़ी को कांग्रेस पार्टी के मुख्यालय 24 अकबर रोड पर रुकना था।(Bharat Ratna) पूर्व कांग्रेस अध्यक्षों के शवों को पार्टी मुख्यालय के अंदर ले जाने की प्रथा थी ताकि आम कार्यकर्ता उन्हें श्रद्धांजलि दे सकें।(Bharat Ratna) जुलूस जब मुख्यालय पहुंचा तो गेट नहीं खुला था।

राव के एक मित्र ने एक कांग्रेसी से गेट के बारे में पूछा और बताया गया, हम उम्मीद कर रहे थे कि गेट खोला जाएगा लेकिन कोई आदेश नहीं आया।(Bharat Ratna) वह आदेश केवल एक ही व्यक्ति दे सकता था सेना का वाहन मुख्यालय के बाहर लगभग 30 मिनट तक इंतजार करता रहा, और फिर हवाईअड्डे की ओर चला गया।

राव के पार्थिव शरीर को अंतिम संस्कार के लिए हैदराबाद ले जाया गया, जिसमें पूर्व पीएम एचडी देवेगौड़ा और बीजेपी के लालकृष्ण आडवाणी जैसे नेता शामिल हुए। हालांकि तब कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी वहां मौजूद नहीं थीं।

राव ने देश को आर्थिक संकट से निकाला

Bharat Ratna
Bharat Ratna

नरसिम्हा राव दक्षिण भारत से देश के प्रधानमंत्री पद तक पहुंचने वाले पहले शख्स थे। जब उन्होंने पहली बार विदेश की यात्रा की तो उनकी उम्र 53 साल थी। (Bharat Ratna) राव ने जब देश की कमान संभाली तो उस वक्त देश आर्थिक संकट से जूझ रहा था। उस समय भारत की विदेश मुद्रा भंडार चितांजनक स्तर तक कम हो गया था।

और देश का सोना तक गिरवी रखना पड़ा था। उन्होंने उस वक्त रिजर्व बैंक के अनुभवी गवर्नर डॉ मनमोहन सिंह को वित्त मंत्री बनाकर देश को आर्थिक संकट से निकाला था।(Bharat Ratna) उनकी नीतियों का ही कारण था कि देश में  बड़े पैमाने पर निवेश होना शुरू हुआ था।

पूर्व प्रधानमंत्री के पोते ने कांग्रेस पर लगाया आरोप

पी वी नरसिम्हा राव के पोते एनवी सुभाष राव ने कहा, मैं बहुत खुश हूं और पीएम मोदी का आभारी हूं। उन्होंने कहा कि में 2004 से 2014 तक यूपीए सरकार खासकर गांधी परिवार को दोषी ठहराता हूं। जब यूपीए केंद्र में सरकार सत्ता में थी, भारत रत्न तो दूर, कोई पुरस्कार भी नहीं मिला।

देश और दुनिया की तमाम खबरों के लिए हमारा YouTube Channel ‘DNP INDIA’ को अभी subscribe करें। आप हमें FACEBOOKINSTAGRAM और TWITTER पर भी फॉलो कर सकते हैं। 

Latest stories