Justice Surya Kant: भारत के 53वें सीजेआई के रूप में जस्टिस सूर्यकांत ने शपथ ली। बता दें कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें शपथ दिलाई। इस दौरान पीएम मोदी, राजनाथ सिंह समेत देश के कई गणमान्य लोग मौजूद रहे है। बता दें कि भारत के 53वें सीजेआई अपने बोल्ड फैसलों के लिए जाने जाते है, जो कई मामलों में गेमचेंजर साबित हुए है। अगर चीफ जस्टिस के कार्यकाल की बात करें तो वह इस पद पर लगभग 11 महीने तक रहेंगे। वहीं इनका सफर भी काफी प्रेरणादायक है। एक छोटे शहर के वकील से देश के सर्वोच्च न्यायिक पद तक पहुंचना उनके सफर को दर्शाता है। चलिए आपको बताते है। उनके वह फैसले जो गेमचेंजर साबित हुए है।
Justice Surya Kant के 3 फैसले जो साबित हुए गेमचेंजर
बता दें कि न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने भारत के 53वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली। वह अनुच्छेद 370 के उन्मूलन, बिहार मतदाता सूची संशोधन और पेगासस स्पाइवेयर मामले से जुड़े महत्वपूर्ण फैसलों में शामिल रहे हैं। 30 अक्टूबर को नियुक्त, वह लगभग 15 महीने तक इस पद पर रहेंगे और 9 फरवरी, 2027 को 65 वर्ष की आयु पूरी होने पर पदमुक्त होंगे। वहीं उनका 15 महीने का कार्यकाल काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। बता दें कि उन्होंने 2011 में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से कानून में पोस्ट ग्रेजुएट में पहला स्थान प्राप्त करने का गौरव भी प्राप्त है।
कौन है भारत के 53वें सीजेआई
जानकारी के मुताबिक सीजेआई का जन्म 10 फरवरी 1962 को मध्यवर्गीय परिवार में हुआ था। उन्हें अपनी शुरूआत एक छोटे से वकील के रूप में की आज वह देश के सर्वोच न्यायधीश के पद पर कार्यरत है। चीफ जस्टिस अपने कई फैसलों के लिए जाने जाते है। जिसमे आर्टिकल 370, एसआईआर, रक्षा बलों के लिए वन रैंक-वन पेंशन योजना को बरकार रखना समेत कई चीजें शामिल है। शपथ के दौरान पीएम मोदी, राजनाथ सिंह समेत देश के कई गणमान्य लोग मौजूद रहे।






