बुधवार, मई 1, 2024
होमदेश & राज्यMaharashtra Political Crisis: तो क्या बच गई शिंदे सरकार ? विधायकों की...

Maharashtra Political Crisis: तो क्या बच गई शिंदे सरकार ? विधायकों की अयोग्यता पर SC ने कह दी ये बड़ी बात

Date:

Related stories

Supreme Court  ने लिया बड़ा फैसला, कहा केस फाइलों में वादियों की जाति, धर्म पूछना करें बंद

Supreme Court: दिल्ली स्थित सुप्रीम कोर्ट ने कुछ राज्यों की प्रचलित उस प्रथा पर कड़ी आपत्ति जताई हैं। जिसमें अब वादकारियों से उनकी जाति या धर्म का उल्लेख नहीं करना होगा।

Raghav Chadha: संसद सदस्‍यता निलंबन को चुनौती देने अब सुप्रीम कोर्ट पहुंचे आप नेता राघव, जानें क्‍या है पूरा मामला

Raghav Chadha: आम आदमी पार्टी (आप) के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने सदन से अपने निलंबन को लेकर सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। इसके साथ ही उन्होंने अपने सांसद आवास को खाली करने का आदेश देने वाले ट्रायल कोर्ट के फैसले को भी दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी है।

Delhi News: पटाखों को लेकर सरकार के बाद अब SC का बड़ा फैसला, राजधानी में इस दीवाली भी जारी रहेगा बैन

Delhi News: पटाखा जलाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट से एक बड़ी खबर सामने आई है। कोर्ट ने एक याचिका की सुनवाई करते हुए राजधानी दिल्ली में किसी भी तरह के पटाखे को जलाने की मंजूरी देने से साफ इंकार कर दिया है।

Supreme Court के इस फैसले से B.Ed डिग्रीधारी फंसे तो वहीं, BSTC अभ्यर्थियों के लिए आई राहत भरी खबर

BSTC vs B.Ed: देश में इस समय शिक्षकों को लेकर ऐसा माहौल है कि आए दिन उनकी खबरे सामने आजती रहती हैं। इनमें शिक्षक भी होते हैं और शिक्षक की तैयारी कर रहे बीएड और बीएसटीसी के छात्र भी।

Maharashtra Political Crisis: महाराष्ट्र राजनीतिक संकट पर लंबे इंतजार के बाद सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है। सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने इस मामले को सात जजों की बड़ी बेंच को सौंप दिया है। 2022 के महाराष्ट्र राजनीतिक संकट को लेकर शिवसेना के उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे धड़ों की ओर की याचिकाएं दायर की गई थीं। इसी को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया है। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से शिंदे गुट को बड़ी राहत मिली है, क्योंकि कोर्ट ने विधायकों की अयोग्यता पर फैसला लेने से साफ इनकार कर दिया है।

बागी विधायकों पर स्पीकर करेंगे फैसला

कोर्ट ने साफ शब्दों में कहा कि वह विधायकों की अयोग्यता पर फैसला नहीं लेगा। इसके लिए स्पीकर को जल्द फैसला लेने का आदेश दिया गया है। कोर्ट ने कहा कि उद्धव ठाकरे ने फ्लोर टेस्ट का सामना नहीं किया, ऐसे में उनको बहाल नहीं किया जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने मामले में टिप्पणी करते हुए कहा कि सदन के स्पीकर द्वारा शिंदे गुट की ओर से प्रस्तावित स्पीकर गोगावले को चीफ व्हिप नियुक्त करना अवैध फैसला था। कोर्ट ने कहा कि स्पीकर को सिर्फ राजनीतिक दल की ओर से नियुक्त व्हिप को ही मान्यता देनी चाहिए थी।

राज्यपाल पर कोर्ट ने क्या कहा ?

इस पूरे घटनाक्रम को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने राज्यपाल की भूमिका पर भी सवाल उठाए। कोर्ट ने कहा कि राज्यपाल को वो नहीं करना चाहिए जो ताकत संविधान ने उनको नहीं दी है। अगर सरकार और स्पीकर अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा टालने की कोशिश करें तो राज्यपाल फैसला ले सकते हैं। लेकिन इस मामले में विधायकों ने राज्यपाल को जो चिट्ठी लिखी, उसमें यह नहीं कहा कि वह MVA सरकार हटाना चाहते हैं। सिर्फ अपनी पार्टी के नेतृत्व पर सवाल उठाए। कोर्ट ने कहा कि किसी पार्टी में असंतोष फ्लोर टेस्ट का आधार नहीं होना चाहिए। राज्यपाल को जो भी प्रस्ताव मिले थे, वह स्पष्ट नहीं थे। यह पता नहीं था कि असंतुष्ट विधायक नई पार्टी बना रहे हैं या कहीं विलय कर रहे हैं।

क्या है मामला ?

दरअसल, बीते साल एकनाथ शिंदे गुट की बगावत के बाद शिवसेना दो गुटों में बंट गई थी। उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद तत्कालीन राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने एकनाथ शिंदे को सरकार बनाने के लिए बुलाया था। इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। उद्धव ठाकरे गुट की ओर से 16 विधायकों की सदस्यता की वैधता को चुनौती दी गई थी, जिस पर आज फैसला आया है।

ये भी पढ़ें: Delhi News: दिल्ली सरकार के पास रहेगा Bureaucracy का कंट्रोल, Supreme Court ने सुनाया अहम फैसला

Brijesh Chauhan
Brijesh Chauhanhttps://www.dnpindiahindi.in
बृजेश बीते 4 सालों से पत्रकारिता के क्षेत्र से जुड़े हुए हैं। इन्होंने हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में M.A की पढ़ाई की है। यह कई बड़े संस्थान में बतौर कांटेक्ट एडिटर के तौर पर काम कर चुके हैं। फिलहाल बृजेश DNP India में बतौर कांटेक्ट एडिटर पॉलिटिकल और स्पोर्ट्स डेस्क पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं।

Latest stories