बुधवार, जुलाई 24, 2024
होमख़ास खबरेंSupreme Court  ने लिया बड़ा फैसला, कहा केस फाइलों में वादियों की...

Supreme Court  ने लिया बड़ा फैसला, कहा केस फाइलों में वादियों की जाति, धर्म पूछना करें बंद

Date:

Related stories

NEET UG-Exam 2024 को लेकर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, NTA के लिए जारी हुआ अहम निर्देश; जानें डिटेल

NEET UG-Exam 2024: देश के उच्चतम न्यायालय (SC) में आज नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (NEET) परीक्षा 2024 को रद्द करने वाली तमाम याचिकाओं पर सुनवाई हुई है।

Delhi News: SC से CM Arvind Kejriwal को मिली अंतरिम जमानत, AAP कार्यकर्ताओं में खुशी की लहर

Delhi News: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट (SC) से बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने सीएम अरविंद केजरीवाल से जुड़े मामले को 3 जजों की बेंच के पास ट्रांसफर कर दिया है और उन्हें अंतरिम जमानत दे दी है।

NEET-UG 2024 पेपर लीक मामले में टली सुनवाई, जानें SC के इस कदम को लेकर क्या है लोगों की प्रतिक्रिया?

NEET-UG 2024: नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (NEET) 2024 परीक्षा में कथित रूप से पेपर लीक व अनियमितता से जुड़े मामलों में दर्ज की गई याचिका पर आज सुनवाई टल गई है।

Supreme Court: दिल्ली स्थित सुप्रीम कोर्ट ने कुछ राज्यों की प्रचलित उस प्रथा पर कड़ी आपत्ति जताई हैं। जहां वादकारियों को अदालती दस्तावेजों में अपनी जाति और धर्म का उल्लेख करना आवश्यक होता है।  हाल ही में सुप्रीम कोर्ट (SC) की पीठ ने एक बड़ा फैसला लिया है। जिसमें अब भारत में कोई भी अदालत न्यायिक कार्यवाही में वादकारियों से उनकी जाति या धर्म बताने के लिए नहीं कहेगी, सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने इस बात पर जोर देते हुए आदेश दिया है कि “ऐसी प्रथा को त्याग दिया जाना चाहिए और इसे तुरंत बंद किया जाना चाहिए”।

Supreme Court  की इस पीठ ने लिया फैसला

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने कुछ राज्यों में प्रचलित उस प्रथा पर कड़ी आपत्ति जताई, जहां वादकारियों को अदालती दस्तावेजों में अपनी जाति और धर्म का उल्लेख करना आवश्यक होता है।

पीठ ने कहा “हमें इस न्यायालय या निचली अदालतों के समक्ष किसी भी वादी की जाति या धर्म का उल्लेख करने का कोई कारण नहीं दिखता है। इस तरह की प्रथा को त्याग दिया जाना चाहिए और इसे तुरंत बंद किया जाना चाहिए।

Supreme Court  के इस फैसले की ये रही वजह

राजस्थान में एक पारिवारिक अदालत के समक्ष लंबित वैवाहिक विवाद में स्थानांतरण याचिका की सुनवाई के दौरान अदालत का इस विवादास्पद प्रथा की ओर ध्यान गया। पत्नी के कहने पर मामले को पंजाब की एक अदालत में स्थानांतरित करने की अनुमति देते समय, सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) यह देखकर निराश हुई कि पक्षों के ज्ञापन में उनके अन्य विवरणों के अलावा, पति और पत्नी दोनों की जाति का भी उल्लेख किया गया था।

देश और दुनिया की तमाम खबरों के लिए हमारा YouTube Channel ‘DNP INDIA’ को अभी subscribe करें। आप हमें FACEBOOKINSTAGRAM और TWITTER पर भी फॉलो कर सकते हैं।

DNP न्यूज़ डेस्क
DNP न्यूज़ डेस्कhttps://www.dnpindiahindi.in
DNP न्यूज़ डेस्क उत्कृष्ट लेखकों एवं संपादकों का एक प्रशिक्षित समूह है. जो पिछले कई वर्षों से भारत और विदेश में होने वाली महत्वपूर्ण खबरों का विवरण और विश्लेषण करता है.उच्च और विश्वसनीय न्यूज नेटवर्क में डीएनपी हिन्दी की गिनती होती है. मीडिया समूह प्रतिदिन 24 घंटे की ताजातरीन खबरों को सत्यता के साथ लिखकर जनता तक पहुंचाने का कार्य निरंतर करता है

Latest stories