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Raghav Chadha: संसद सदस्‍यता निलंबन को चुनौती देने अब सुप्रीम कोर्ट पहुंचे आप नेता राघव, जानें क्‍या है पूरा मामला

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Supreme Court  ने लिया बड़ा फैसला, कहा केस फाइलों में वादियों की जाति, धर्म पूछना करें बंद

Supreme Court: दिल्ली स्थित सुप्रीम कोर्ट ने कुछ राज्यों की प्रचलित उस प्रथा पर कड़ी आपत्ति जताई हैं। जिसमें अब वादकारियों से उनकी जाति या धर्म का उल्लेख नहीं करना होगा।

AAP राज्यसभा MP राघव चड्ढा का BJP पर करारा प्रहार, बोले-‘सांसदों को नहीं, बल्कि लोकतंत्र को ही सस्पेंड कर दिया गया’

Parliament Winter Session: राजधानी दिल्ली में सदन के शीतकालीन सत्र का दौर जारी है। इस दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष की ओर से खूब आरोप-प्रत्यारोप देखने को मिल रहे हैं। बीते दिन लोकसभा से लेकर राज्यसभा तक की कार्यवाही हंगामें की भेंट चढ़ गई जिसके कारण सदन से रिकॉर्ड 78 सांसदों (45-लोकसभा, 33-राज्यसभा) को निलंबित किया गया।

Raghav Chadha: आम आदमी पार्टी (आप) के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने सदन से अपने निलंबन को लेकर सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। इसके साथ ही उन्होंने अपने सांसद आवास को खाली करने का आदेश देने वाले ट्रायल कोर्ट के फैसले को भी दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी है। ये दोनों चुनौतियां आज दी गई हैं। सांसद राघव चड्ढा पर आरोप है कि उन्होंने 5 संसद सदस्यों की सहमति के बिना उनका नाम सेलेक्ट कमिटी के लिए प्रस्तावित किया था। सदन ने इस मामले का संज्ञान लेते हुए उन्हें संसद की विशेषाधिकार कमिटी के रिपोर्ट आने तक निलंबित करने के आदेश दिए हैं। अब आप नेता ने इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है।

निलंबन के खिलाफ दाखिल हुई याचिका

आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने अपने राज्यसभा से निलंबन के मामले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दिया है। उन्होंने निलंबन को लेकऱ कहा है कि भाजपा झूठ बोल कर दुष्प्रचार कर रही है। उन्होंने इस दौरान राज्यसभा सेक्रेटेरिएट का बुलेटिन पेश करते हुए कहा कि इसमें सिर्फ कहा गया है कि मामले की जांच की जाएगी। ये फर्जीवाड़ा और फर्जी दस्तखत जैसे सभी आरोप बेबुनियाद हैं।

राघव चड्ढा पर है ये आरोप

आप सांसद राघव चड्ढा पर आरोप है कि उन्होंने दिल्ली सर्विस (अमेंडमेंट) बिल को सिलेक्ट कमेटी के पास भेजन के लिए बने प्रस्ताव पर सांसदों के फर्जी दस्तखत कराए। हालाकि सदन ने इस मामले का संज्ञान लेते हुए इसकी जांच संसद की विशेषाधिकार समिति को सौंपी है। इसके साथ ही सदन ने मानसून सत्र के आखिरी दिन 11 अगस्त को राघव चड्ढा को राज्यसभा से निलंबित किया था।

सांसद आवास मामले में फंसते नजर आ रहे राघव

राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने 29 अगस्त 2022 को टाइप-7 बंगला अलॉट करने का आग्रह किया था। इसका संज्ञान लेते हुए चेयरमैन द्वारा उन्हें 3 सितंबर 2022 को पंडारा रोड पर टाइप-7 बंगला नंबर AB-5 अलॉट किया गया। अब इसको लेकर भी आप सांसद की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। दरअसल राज्यसभा सचिवालय ने उन्हें अलॉट किए गए टाइप-7 बंगला के लिए अपात्र करार दिया। कहा गया है कि पहली बार चुने गए सांसदों को टाइप-7 बंगला नहीं आवंटित किया जाता है और उनका आवंटन रद्द कर दिया गया।

इस मामले को लेकर राघव चड्ढा कोर्ट पहुंचे और बताया कि अभी उनका चार साल से ज्यादा का कार्यकाल बचा है और वो बंगला में रहने के हकदार हैं। कोर्ट ने राघव के इस दावे को सिरे से खारिज कर दिया था। अब राघव ने एक बार फिर इस मामले को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है। अब देखना होगा हाईकोर्ट इस मामले में क्या फैसला सुनाती है।

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