सोमवार, मई 6, 2024
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Gyanvapi Mosque Case पर वाराणसी कोर्ट का बड़ा फैसला, क्लब किए 7 केस, अब 7 जुलाई को एक साथ होगी सुनवाई

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Gyanvapi Mosque Case: ज्ञानवापी मस्जिद मामले में वाराणसी की जिला अदालत ने बड़ा फैसला सुनाया है। इस मामले में दायर की गई 7 याचिकाओं को कोर्ट ने क्लब कर दिया है। कोर्ट के आदेश के बाद अब सभी 8 मामलों की सामूहिक रूप से सुनवाई की जाएगी। यानी अब एक ही कोर्ट में ज्ञानवापी मामले से जुड़े सभी मामलों की सुनवाई होगी। कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई की अगली डेट 7 जुलाई निर्धारित की है। ऐसे में 7 जुलाई को पहली बार एक साथ सात केस की सुनवाई होगी।

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श्रृंगार गौरी दर्शन के लिए दाखिल की थी याचिका

बता दें कि ज्ञानवापी से जुड़े आठ मुकदमों को एक ही अदालत में सुनने की मांग को लेकर प्रार्थना पत्र मां श्रृंगार गौरी के नियमित दर्शन-पूजन की मांग करने वाली चार महिलाओं की ओर से दाखिल किया गया था। इसकी सुनवाई जिला जज की अदालत में बीते सोमवार को हुई थी। आठ मुकदमों में सिविल जज की अदालत से स्थानांतरित होकर जिला जज की अदालत में आए ज्ञानवापी से जुड़े छह मामले हैं। ज्ञानवापी परिसर में मिले शिवलिंग के पूजा-पाठ राग-भोग आरती करने को लेकर स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद की ओर से दाखिल प्रार्थना पत्र भी इसमें शामिल है।

कथित ‘शिवलिंग’ की कार्बन डेटिंग पर रोक

इस मामले में कथित ‘शिवलिंग’ की कार्बन डेटिंग पर भी फिलहाल रोक लगी हुई है। सुप्रीम कोर्ट ने अगली सुनवाई (19 मई) तक कार्बन डेटिंग पर रोक लगा रखी है। SC ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के 12 मई के फैसले को पलटते हुए इस पर रोक लगाई थी। दरअसल, इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मॉर्डन तकनीक का इस्तेमाल कर ज्ञानवापी मस्जिद में मिली संरचना की उम्र निर्धारित करने का आदेश दिया था, जिसके ‘शिवलिंग’ होने का दावा किया जा रहा है। इस फैसले के बाद मुस्लिम पक्ष ने इस संबंध में SC में याचिका दायर की थी। जिसके बाद SC ने अगली सुनवाई तक इस पर रोक लगा दी है।

क्या है पूरा मामला ?

बता दें कि अगस्त 2021 में सबसे पहले 5 महिलाओं ने स्थानीय कोर्ट में याचिका दाखिल कर ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में स्थित मां श्रृंगार गौरी स्थल पर नियमित पूजा करने का अधिकार मांगा था। इसी याचिका की सुनवाई के बाद कोर्ट ने पूरे परिसर का सर्वे कराने का आदेश दिया था। सर्वे के दौरान ज्ञानवापी परिसर में 16 मई, 2022 को एक शिवलिंग मिला था। जहां हिंदू पक्ष का कहना है कि ये शिवलिंग है, जबकि मुस्लिम पक्ष की ओर से दावा किया गया है कि वजू (हाथ धोने का स्थान) का फुव्वारा है। इस मामले में वाराणसी कोर्ट में कई याचिकाएं दायर की गई है। जिन पर अब एक साथ सुनवाई होगी।

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Brijesh Chauhan
Brijesh Chauhanhttps://www.dnpindiahindi.in
बृजेश बीते 4 सालों से पत्रकारिता के क्षेत्र से जुड़े हुए हैं। इन्होंने हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में M.A की पढ़ाई की है। यह कई बड़े संस्थान में बतौर कांटेक्ट एडिटर के तौर पर काम कर चुके हैं। फिलहाल बृजेश DNP India में बतौर कांटेक्ट एडिटर पॉलिटिकल और स्पोर्ट्स डेस्क पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं।

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