बुधवार, अप्रैल 24, 2024
होमदेश & राज्यउत्तर प्रदेशUP Politics: दलितों को लुभाने के लिए सपा ने बनायी ये रणनीति,...

UP Politics: दलितों को लुभाने के लिए सपा ने बनायी ये रणनीति, 2024 की तैयारी में जुटे अखिलेश!

Date:

Related stories

BSP सुप्रीमो मायावती ने किया अपने उत्तराधिकारी का ऐलान, जानें क्या होगी इस नए नेता की जिम्मेदारी

BSP Supremo Mayawati: देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश की सफल राजनीतिक पार्टियों में से एक बहुजन समाज पार्टी (BSP) की पकड़ आज सूबे में थोड़ी कमजोर प्रतीत हो रही है। इसको लेकर बसपा सुप्रीमो मायावती ने आज पार्टी नेताओं के साथ लखनऊ में बैठक की है।

UP News: “OP राजभर भी दो मुहा सांप”, चुनाव से पहले सुभासपा नेता के बड़े दावे; क्या फिर मारेंगे पलटी?

UP News: यूपी में पिछड़ों के नेता के रुप में अपनी अलग छाप छोड़ चुके सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओपी राजभर अक्सर अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में रहते हैं।

Ashutosh Tondon: UP BJP के वरिष्ठ नेता आशुतोष टंडन ‘गोपालजी’ का निधन, जानें कैसा रहा राजनैतिक करियर?

Ashutosh Tondon: उत्तर प्रदेश भाजपा के वरिष्ठ नेता व सरकार के पूर्व मंत्री आशुतोष टंडन ‘गोपालजी’ का आज लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया है। बता दें कि आशुतोष टंडन भाजपा के वरिष्ठ नेता लालजी टंडन के बेटे थे।

UP Politics: सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने 2024 को लेकर अभी से नई बिसात बिछाना शुरू कर दिया है। इस बार समाजवादी पार्टी ने पार्टी से दलितों को जोड़ने के लिए बाबा साहब वाहिनी फ्रंटल संगठन का गठन कर दिया है। ताकि सपा में डॉ भीमराव अंबेडकर के विचारों का भी समावेश हो जाए। इस संबंध में सपा की कोलकाता में हुई राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में फैसला लिया गया था। जिसकी आज घोषणा कर मूर्तरूप देने की तैयारी है।

क्या होगी इस बाबा साहब वाहिनी की जिम्मेदारी

बाबा साहब वाहिनी दलितों के बीच जाकर सपा की नीतियों, विचारों प्रचार प्रसार करके यह समझाने की कोशिश करेगी। कि समाजवादी राम मनोहर लोहिया और बाबा साहब डॉ भीमराव अंबेडकर के विचारों में बहुत समानता थी। वही यह बाबा साहब वाहिनी बदले राजनीतिक वातावरण में संविधान पर छाए संकट बादल को सिर्फ समाजपार्टी ही दूर करने में सक्षम है। यह वाहिनी मुख्य रूप से दलितों के मुद्दों पर मुखरता से वैचारिक अभियानों को चलाएगी। धरना- प्रदर्शनों का आयोजन करेगी।

ये भी पढ़ें:BJP on Sankalp Satyagraha: ‘महात्मा गांधी ने अपना सत्याग्रह सामाजिक कारण से किया था लेकिन यहां ये अपने लिए…’

वाहिनी का रणनीतिक उद्देश्य

कोलकाता की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में जो प्रस्ताव पारित हुआ, उसके मुताबिक समाजवादी पार्टी को अपने दायरे को बढ़ाने के लिए अन्य विचारों को पार्टी में समाहित किए बिना राजनीति उद्देश्य और हितों की पूर्ति संभव नहीं है। इसके लिए नए विचारों को जगह देने के लिए इस संगठन की पहली जरूरत महसूस की गई। इस वाहिनी के सहारे पार्टी अब रामजीलाल सुमन, अवधेश प्रसाद से आगे बसपा से किनारे किए गए उन नेताओं को सपा से जोड़ने पर नजर रख रही है। जो जल्दी ही सपा में शामिल होने वाले हैं। इनमें पूर्व कैबिनेट मंत्री इंद्रजीत सरोज,केके गौतम को अखिलेश यादव ने जिम्मेदारी सौंपी है।

ये भी पढ़ें: Rahul Gandhi Twitter Bio: राहुल गांधी ने ट्विटर पर खुद को बताया-Dis’Qualified MP

Hemant Vatsalya
Hemant Vatsalyahttp://www.dnpindiahindi.in
Hemant Vatsalya Sharma DNP INDIA HINDI में Senior Content Writer के रूप में December 2022 से सेवाएं दे रहे हैं। उन्होंने Guru Jambeshwar University of Science and Technology HIsar (Haryana) से M.A. Mass Communication की डिग्री प्राप्त की है। इसके साथ ही उन्होंने Delhi University के SGTB Khalasa College से Web Journalism का सर्टिफिकेट भी प्राप्त किया है। पिछले 13 वर्षों से मीडिया के क्षेत्र से जुड़े हैं।

Latest stories