सोमवार, अप्रैल 29, 2024
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Yazidi: क्या इराक और सीरिया में भी रहते थे प्राचीन हिंदू? जानें यजीदियों की सच्चाई

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Yazidi: यजीदी धर्म प्राचीन विश्व की प्राचीनतमा धार्मिक परंपराओं में से एक है यजीदी का शाब्दिक अर्थ ईश्वर के पूजक होता है, बता दें कि यजीदी ईश्वर को यजदान कहते है। यज़ीदी लोग, जो इराक, तुर्की और सीरिया के कुछ क्षेत्रों में रहते हैं, माना जाता है कि यह प्राचीन हिंदुओं की एक खोई हुई जनजाति है, जो तमिलनाडु में उत्पन्न हुए और इराक चले गए।

Yazidi धर्म का इतिहास

Yazidi
फाइल फोटो प्रतिकात्मक

Yazidi या यज़ीदी कुर्दी लोगों का एक उपसमुदाय है जिनका अपना अलग Yazidi पंथ है। इस धर्म में वह पारसी धर्म के बहुत से तत्व, इस्लामी सूफ़ी मान्यताओं और कुछ ईसाई विश्वासों के मिश्रण को मानते हैं। इस धर्म की शुरुआत 12वीं सदी ईसवी में शेख़ अदी इब्न मुसाफ़िर ने की और इसके अनुसार ईश्वर ने दुनिया का सृजन करने के बाद इसके देख-रेख सात फरिश्तों के सुपुर्द करी जिनमें से प्रमुख को ‘मेलेक ताऊस’, यानि ‘मोर (पक्षी) फ़रिश्ता’ है।

Yazidi इराक, सीरिया, जर्मनी, आर्मेनिया, रूस के निवासी हैं। ये ‘यजीदी’, मुसलिम नहीं हैं, ईसाई भी नहीं हैं। पारसी धर्म माननेवाले भी नहीं। इनका स्वयं का एक ‘यजीदी पंथ’ है। परन्तु यह पंथ हिंदू धर्म के एकदम नजदीक लगता है। अनेक शोधार्थियों ने इस ‘यजीदी’ पंथ को पश्चिम एशिया में हिंदुओं का एक ‘खोया हुआ पंथ’ कहा है।

क्या यज़ीदी प्राचीन हिंदू हैं?

●Yazidi संस्कृति में सनातन संस्कृति के साथ कई समानताएं हैं, उनका नया साल का जश्न हिंदू त्योहार के समान होता है। वहीं भारत में हिंदू अपना नया साल अप्रैल में चैत्र शुक्ल पक्ष के दौरान मनाते हैं।

●Yazidi लोग, जो इराक, तुर्की और सीरिया के कुछ क्षेत्रों में रहते हैं, माना जाता है कि यह प्राचीन हिंदुओं की एक खोई हुई जनजाति है, जो तमिलनाडु में उत्पन्न हुए और इराक चले गए।

●यज़ीदियों का मानना ​​है कि उनके पूर्वज कार्तिकेय के उपासक थे और उनकी वर्तमान मान्यताएं और प्रथाएं इस प्राचीन हिंदू परंपरा से विकसित हुई हैं।

●यजीदियों का दक्षिण भारत से गहरा संबंध है और उनके कई प्रतीक और प्रथाएं हिंदू धर्म के समान हैं।

●हिंदुओं की तरह वे भी हाथ जोड़कर भगवान् को नमस्कार करते हैं। हिंदुओं की ही तरह यज्ञ भी करते हैं, हिन्दुओं की तरह ही पूजा-पाठ करते हैं, आरती के थाल तैयार करते हैं।

●यजीदियों के इस मोर की साम्यता तमिल देवता भगवान् सुब्रह्मण्यम की परम्परागत प्रतिमा/चित्र से मिलती है।

इस प्रकार, आम धारणा के विपरीत, यज़ीदी संस्कृति हिंदू संस्कृति से बेहद मिलती-जुलती है। यह अपने आस-पास के क्षेत्रों के किसी भी धर्म की तुलना में हिंदू विचारों से अधिक समानता रखता है।

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