शनिवार, मई 4, 2024
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Joshimath में निरंतर भूधंसाव जारी, क्षतिग्रस्त भवनों की संख्या बढ़कर हुई 849 – अध्ययन हेतु लगे कई विशेषज्ञ संस्थान

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Uttarakhand News: Joshimath में भू धंसाव का खतरा, 35% हिस्सा हाई रिस्क जोन में शामिल

Uttarakhand News: उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित शहर जोशीमठ (ज्योतिर्मठ) को लेकर खूब खबरें बनती हैं। जोशीमठ की सुंदरता कुछ इस कदर है कि प्रति वर्ष लाखों की संख्या में सैलानी यहां घूमने आते हैं।

Uttarakhand News: सरकार के इस कदम से लाखों लोगों को मिलेगी राहत, जानें कैसे घर बैठे हो सकेगी जमीनों की रजिस्ट्री

Uttarakhand News: उत्तराखंड में वर्चुअल रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को सरकार के कैबिनेट मीटिंग में मंजूरी दे दी गई है। समाचार एजेंसी एएनआई द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार अब लोग घर बैठे ही वर्चुअल रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया के तहत अपने जमीनों की रजिस्ट्री करा सकेंगे।

Joshimath: उत्तराखण्ड के चमोली जिले के जोशीमठ नगर में भूधंसाव और भवनों में दरार आने का क्रम अब भी निरंतर बना हुआ है। राज्य के राहत और पुनर्वास कार्यों के मध्य भी भूधंसाव का क्रम जारी रहने से जोशीमठ नगर की स्थिति गंभीर बनी हुई है ।

आपको बता दें विगत वर्ष नवंबर में भूधंसाव और भवन में दरार आने की प्रथम घटना सामने आयी थी तत्पश्चात दिसंबर से ही भूधंसाव का क्रम जारी रहने से आवासीय भवनों के क्षतिग्रस्त होने की संख्या में निरंतर बढ़ोत्तरी हो रही है। मंगलवार  को चमोली जिला प्रशासन ने आपदा प्रभावित भवनों की संख्या पर बुलेटिन जारी करते हुए बताया कि जोशीमठ में भूधंसाव के कारण क्षतिग्रस्त होने वाले भवनों की संख्या 288 से बढ़कर 849 हो गयी है । उत्तराखण्ड राज्य आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत कुमार सिन्हा द्वारा जानकारी दी गई कि केन्द्र सरकार के विभिन्न तकनीकी संस्थानों भूधंसाव के विभिन्न आयामों को ध्यान रखते हुए अध्धयन करने की समय सीमा तय कर दी है।

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जानें किन-किन वार्डों की स्थिति गंभीर

आपदा के पश्चात आपदा प्रबंधन एजेंसियों द्वारा जोशीमठ नगर को तीन जोनों खतरनाक, बफर तथा सुरक्षित श्रेणी में बांटकर राहत और पुनर्वास कार्य चलाए जा रहे हैं। इन्हीं के आधार पर खतरनाक श्रेणी के जोन के अनुसार रविग्राम वार्ड में ही अकेले सबसे अधिक 161 भवन क्षतिग्रस्त हुए हैं उसके पश्चात गांधीनगर वार्ड में 154 क्षतिग्रस्त भवनों का आंकड़ा प्रस्तुत किया गया है।

जानें कौन-कौन संस्थान शोध अध्ययन में सम्मिलित

राज्य आपदा प्रबंधन सचिव सिन्हा ने पत्रकार वार्ता में जानकारी देते हुए बताया कि राष्ट्रीय भूभौतिकीय संस्थान, हैदराबाद को प्रारंभिक रिपोर्ट प्रस्तुत करने हेतु 2 सप्ताह तथा अंतिम रिपोर्ट प्रस्तुत करने हेतु 3 सप्ताह का समय दिया गया हैं। जिसमें 10 वैज्ञानिकों का एक समूह होगा । वहीं दूसरी ओर केन्द्रीय भवन अनुसंधान संस्थान के भी 10 वैज्ञानिकों के समूह को भी 3 सप्ताह का सपय दिया गया है । वहीं वाडिया इंस्टीट्यूट फॉर हिमालयन जियोलॉजी के भी 7 वैज्ञानिकों की एक टीम को 3 सप्ताह दिए गये हैं ।

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Hemant Vatsalya
Hemant Vatsalyahttp://www.dnpindiahindi.in
Hemant Vatsalya Sharma DNP INDIA HINDI में Senior Content Writer के रूप में December 2022 से सेवाएं दे रहे हैं। उन्होंने Guru Jambeshwar University of Science and Technology HIsar (Haryana) से M.A. Mass Communication की डिग्री प्राप्त की है। इसके साथ ही उन्होंने Delhi University के SGTB Khalasa College से Web Journalism का सर्टिफिकेट भी प्राप्त किया है। पिछले 13 वर्षों से मीडिया के क्षेत्र से जुड़े हैं।

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