New Delhi Railway Station Stampede: शनिवार, 15 फरवरी 2025 को भारतीय समयानुसार रात करीब 9:26 बजे नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर 13, 14 और 15 से अलग-अलग आवाजों में लोगों की चीखें गूंज रही थीं,”हे राम… मुझे बचा लो, हो अल्लाह, मेरी रक्षा करो।” इन प्लेटफार्म के हर हिस्से पर लोगों की भारी भीड़ थी। New Delhi Railway Station पर अफरातफरी के माहौल में लोग बार-बार देवी-देवताओं से अपनी सुरक्षा के लिए प्रार्थना कर रहे थे।
शायद कोई उनकी मदद कर दे। जिस Railway Ticket काउंटर से लोगों ने अपनी यात्रा के लिए पैसे दिए थे, वह उम्मीदों तले खराब प्रबंधन का शिकार हो रहा था। ज्यादातर लोग Maha Kumbh में जाकर आध्यात्मिक रूप से अपने जीवन को शुद्ध करना चाहते थे। साथ ही, वे Prayagraj के संगम में डुबकी लगाकर पुण्य प्राप्त करने को आतुर थे। लेकिन रेलवे स्टेशन परिसर और प्लेटफार्म पर लगे CCTV कैमरे, जिनके बारे में कहा जाता है कि आपकी सुरक्षा हमारी जिम्मेदारी है, मूकदर्शक बने रहे और NDLS Stampede की सिर्फ दर्दनाक तस्वीरें ही कैद करते रहे।
New Delhi Railway Station Stampede में 18 लोगों की मौत
देखते ही देखते New Delhi Railway Station के प्लेटफार्म नंबर 13, 14 और 15 पर हालात ऐसे हो गए कि कई लोगों के सपने दम तोड़ रहे थे। कोई अपने भाई की शादी में शामिल होने के लिए कर्मभूमि से मातृभूमि के सफर पर निकलने से पहले दो घूंट पानी और एक गहरी सांस के लिए बेबस दिख रहा था। कोई अपनों की चिंता में बार-बार रो रहा था। वे किसी तरह NDLS स्टेशन से बाहर निकलने की कोशिश कर रहे थे।
वे सीढ़ियों पर सुरक्षा कवच की तरह लगाए गए लोहे के जाल को तोड़कर प्लेटफार्म की छतरी पर लटकने को आतुर थे ताकि अपनी जान बचा सकें। लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था, जिसकी किसी को उम्मीद नहीं थी, खासकर Indian Railways से। जिस भारतीय रेलवे की व्यवस्था पर कुछ देर पहले तक पूरा देश गर्व कर रहा था, आज उस पर सवालों की झड़ी लग गई। NDLS Stampede की ये सारी दर्दनाक बातें एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताई हैं जो हादसे के समय वहां मौजूद था।
इस हादसे में अब तक 18 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें 9 महिलाएं, 4 पुरुष और 5 बच्चे शामिल हैं। अलग-अलग मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक हादसे में 25 से ज्यादा लोग घायल बताए जा रहे हैं। New Delhi के लोकनायक जय प्रकाश अस्पताल ने मौतों की पुष्टि की है। हादसे के शिकार लोग अभी भी अपने सामान की तलाश में रेलवे से उम्मीद लगाए बैठे हैं। शायद उन्हें परदेश में अपनी मेहनत की कमाई से खरीदा गया सामान मिल जाए।
इन सामानों को खरीदने और समेटने में अभी और कितना वक्त लगेगा, कौन जाने। लेकिन अब जिनका सामान बीती रात भगदड़ में खो गया, उन्हें उसके मिलने की उम्मीद खत्म होती दिख रही है। New Delhi Railway Station Stampede हादसे के कुछ घंटे बाद जब मीडिया के कैमरे उन प्लेटफॉर्म पर पहुंचे, जहां चंद घंटे पहले ही जिंदगी और मौत के बीच के फासले की दर्दनाक तस्वीर दिखी थी, जो अब यहां ऐसा कोई सबूत नहीं बचा था। मानो वहां कुछ हुआ ही न हो।
पहले रेलवे ने कहा- भगदड़ नहीं मची
देश के निजी न्यूज चैनलों को जब इस हादसे की भनक लगी तो उन्होंने उत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी से भगदड़ के बारे में सवाल पूछे, तो उन्होंने इससे इनकार किया। उन्होंने कहा कि यह महज अफवाह है। सब कुछ ठीक है। किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। लेकिन उनकी प्रतिक्रिया के कुछ ही मिनट बाद New Delhi Railway Station Stampede पर दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना के आधिकारिक एक्स-हैंडल से पोस्ट ने रेलवे के दावों की पोल खोल दी।
प्लेटफॉर्म बदलने की अफवाह से मची भगदड़
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर कुली का काम करने वाले एक प्रत्यक्षदर्शी ने निजी समाचार एजेंसी ANI से बात करते हुए कहा, “मैं 1981 से कुली का काम कर रहा हूं, लेकिन मैंने पहले कभी इतनी भीड़ नहीं देखी। प्रयागराज स्पेशल को प्लेटफॉर्म नंबर 12 से रवाना होना था, लेकिन इसे प्लेटफॉर्म नंबर 16 पर शिफ्ट कर दिया गया। जब प्लेटफॉर्म 12 पर इंतजार कर रही भीड़ और बाहर से इंतजार कर रही भीड़ प्लेटफॉर्म 16 पर पहुंचने की कोशिश कर रही थी, तो लोग एक-दूसरे से टकराने लगे और एस्केलेटर और सीढ़ियों पर गिरने लगे।”
वे आगे कहते हैं कि, ”भीड़ को रोकने के लिए वहां कई लोग जमा हो गए। हमने कम से कम 15 शवों को उठाकर एंबुलेंस में रखा। प्लेटफॉर्म पर सिर्फ जूते और कपड़े थे। जब प्लेटफॉर्म 12 पर इंतजार कर रही भीड़ और बाहर से इंतजार कर रही भीड़ प्लेटफॉर्म 16 पर पहुंचने की कोशिश कर रही थी, तो लोग एक-दूसरे से टकराने लगे और एस्केलेटर और सीढ़ियों पर गिरने लगे। हमने पुलिस को बुलाया, दमकल की गाड़ियां और 3-4 एंबुलेंस वहां पहुंचीं और लोगों को अस्पताल ले जाया गया…”
प्लेटफॉर्म पर दुकान चलाने वाले एक अन्य प्रत्यक्षदर्शी ने निजी समाचार एजेंसी एएनआई को बताया, “भीड़ बहुत ज़्यादा थी, लोग (फुटओवर) ब्रिज पर जमा थे… इतनी बड़ी भीड़ की उम्मीद नहीं थी। मैंने पहले कभी किसी रेलवे स्टेशन पर इतनी भीड़ नहीं देखी, त्योहारों के दौरान भी नहीं। प्रशासन के लोग और एनडीआरएफ के जवान भी वहां मौजूद थे, लेकिन जब भीड़ बहुत ज़्यादा हो गई, तो उन्हें नियंत्रित करना संभव नहीं था…”
Delhi Police ने शुरू की जांच- सूत्र
बहरहाल सूत्रों के हवाले से ख़बर है कि New Delhi Railway Station Stampede की जांच दिल्ली पुलिस ने रविवार को शुरू कर दी है। सच्चाई जानने के लिए पुलिस की टीम सीसीटीवी फुटेज का विश्लेषण करेगी और यह पता लगाने की कोशिश करेगी कि आखिर इस बवाल की वजह क्या थी।