गुरूवार, मई 2, 2024
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Chanakya Niti: ये 3 चीजें मर्दों को जीते-जी मार देती हैं, मौत से भी बत्तर कर देती है जिंदगी

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Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य ख्याति प्राप्त विद्वान थे। इनकी नीतियां विश्व प्रसिद्ध है। आज कल के समय में आचार्य चाणक्य सभी व्यक्ति के लिए प्रेरणादायक और मार्गदर्शक हैं। आचार्य पेशे से नीतिकार, सलाहकार और अर्थशास्त्री भी हैं। आचार्य से सभी राजा महाराजा शिक्षा ग्रहण किया करते थे और अपनी प्रजा पर शासन किया करते थे।

आचार्य चाणक्य व्यक्ति के जीवन से जुड़ी कई बातों पर व्याख्या अपनी नीति में किए हैं। वहीं आचार्य पुरुषों के जीवन से जुड़ी 3 बातों पर भी व्याख्या किए हैं। इसमें आचार्य का कहना है कि इन 3 बातों से पुरुषों की स्थिति मृत्य से भी अधिक दुखदायी हो जाती है।

इस श्लोक में आचार्य ने किया है व्याख्या

वृद्धकाले मृता भार्या बन्धुहस्तगतं धनम् ।
भोजनं च पराधीनं तिस्रः पुंसां विडम्बनाः ॥

जानें इस नीति का क्या है अर्थ

आचार्य चाणक्य का कहना है कि दुख जीवन का बहुत महत्वपूर्ण अंग है। सुख और दुख दोनों का जीवन में होना बेहद जरूरी माना गया है। वहीं 3 बातें ऐसी हैं जिससे पुरुषों के जीवन में दुखों का पहाड़ टूट जाता है। जी हां, आचार्य बताते हैं कि अगर वृद्धावस्था में पत्नी का देहांत हो जाए तो पुरुषों की स्थिति गंभीर हो जाती है। ये पुरुषों के लिए अत्यंत दुखदाई होता है। वहीं धन दौलत और संपत्ति का दूसरे के हाथ में चला जाना भी दुखदाई होता है। इसमें व्यक्ति की स्थिति मृत्यु के समान हो जाती है। व्यक्ति किसी भी कार्य को करने में सक्षम नहीं होता है।

पुरुषों के लिए आत्मसम्मान बेहद जरूरी है। इसलिए भोजन के लिए पुरुषों का दूसरों पर आश्रित होना बेहद कष्टदायक होता है। ये कष्ट पुरुष नहीं झेल पाते हैं। इन दुखों को झेलना पुरुषों के लिए बहुत भयावह होता है। इसलिए आचार्य चाणक्य ने इन तीनों बातों का उल्लेख अपनी नीति में किया है।

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इस नीति से क्या निकलता निष्कर्ष

आचार्य चाणक्य इस नीति में 3 बातों का उल्लेख किए हैं। इसमें आचार्य का कहना है कि विवाह के दौरान ही व्यक्ति को उम्र सीमा का ध्यान रखना चाहिए। अधिक उम्र में बदलाव होने के कारण पुरुष और स्त्री दोनों को अत्यंत कष्ट भोगना पड़ता है। वहीं उन्हें धन दौलत के प्रति भी जागरूक रहना चाहिए। इससे उन्हें कई सारी चीजों का ध्यान रखना चाहिए। वहीं अपने कर्म से चीजों को समझना बहुत जरूरी है। इसलिए अपनी क्षमता अनुसार कार्य करना चाहिए। इससे आपको कभी दूसरों पर आश्रित नहीं होना चाहिए।

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Sriya Sri
Sriya Srihttps://www.dnpindiahindi.in/
मेरा नाम श्रीया श्री है। मैं पत्रकारिता अंतिम वर्ष की छात्रा हूं। मुझे लिखना बेहद पसंद है। फिलहाल मैं डीएनपी न्यूज नेटवर्क में कंटेंट राइटर हूं। मुझे स्वास्थ्य से जुड़ी कई चीजों के बारे में पता है और इसलिए मैं हेल्थ पर आर्टिकल्स लिखती हूं। इसके अलावा मैं धर्म, लाइफस्टाइल, एस्ट्रोलॉजी और एजुकेशन के विषय में भी आर्टिकल लिखती हूं।

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