Asim Munir: इस्लामाबाद में सियासी हलचल तेज होने की खबर है। इसकी प्रमुख वजह है अमेरिकी राष्ट्रपति का पाकिस्तानी सीडीएफ के नाम जारी एक फरमान जो हुकूमत की मुश्किलें भी बढ़ा रहा है। खबरों की मानें तो प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रंप ने आसिम मुनीर के नाम एक फरमान जारी किया है। इसके तहत गाजा में पाकिस्तानी सैनिकों की तैनाती होनी है।
ये एक ऐसा फरमान है जो आसिम मुनीर को दुविधा में डाल रहा है। यदि पाकिस्तानी सैनिक गाजा में तैनात हुए, तो मुल्क के भीतर भारी असंतोष की भावना उमड़ सकती है। वहीं अगर मुल्ला मुनीर पाकिस्तानी सैनिकों को गाजा नहीं भेजते हैं, तो उन्हें अमेरिका की नाराजगी का सामना करना पड़ सकता है। इन दोनों स्थिति में पाकिस्तान के भीतर तबाही का मंजर देखने को मिल सकता है।
प्रेसिडेंट ट्रंप के एक कॉल से दुविधा में Asim Munir!
पाकिस्तानी सीडीएफ की दुविधा बढ़ गई है और वे ‘आगे कुआं और पीछे खाई’ वाली स्थिति मे हैं। खबरों के मुताबिक अमेरिकी राष्ट्रपति ने आसिम मुनीर को गाजा में पाकिस्तानी सैनिक तैनात करने का फरमान जारी किया है। डोनाल्ड ट्रंप का ये फरमान पाकिस्तानी सीडीएफ के लिए दो-धारी तलवार के समान है। ये पाकिस्तानी सेना के साथ हुकूमत के लिए भी दुविधा की स्थिति पैदा कर रहा है।
मुनीर ऐस ऐसे पहले सेना प्रमुख हैं जिन्हें व्हाइट हाउस में प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रंप के साथ लंच का अवसर मिला था। उनके लाख प्रयासों के बाद पाकिस्तान-अमेरिका के संबंध थोड़े सुधरे हैं। ऐसी स्थिति में डोनाल्ड ट्रंप का कोई भी कॉल आसिम मुनीर या पीएम शहबाज शरीफ के लिए फरमान साबित हो सकता है। मुल्ला मुनीर की दुविधा अब और बढ़ गई है कि वे मुल्क की आंतरिक स्थिति को देखें या प्रेसिडेंट ट्रंप के आदेशों का पालन करें।
गाजा में पाकिस्तानी सेना की मौजूदगी पड़ोसी मुल्क को कर सकती है तबाह!
पाकिस्तान का रुख फिलिस्तीनियों की तरफ नरम रहा है। जब इजरायल की ओर से गाजा में लगातार हमले किए जा रहे थे, तब पाकिस्तानी आवाम सड़कों पर उतरकर फिलिस्तीनियों के हक की आवाज बुलंद कर रही थी। उस दौर में इस्लामाबाद से लेकर कराची, रावलपिंडी तक पीएम बेंजामिन नेतन्याहू के खिलाफ नारे लगे। हालांकि, अब स्थिति बदली नजर आ रही है और इजरायल को बैकअप देने वाला अमेरिका पाकिस्तान का हिमायती बना है।
ऐसे में यदि डोनाल्ड ट्रंप के निर्देश पर पाकिस्तानी सैनिक गाजा में तैनात हुए, तो आवाम भड़क उठेगी। पाकिस्तानी आवाम ऐसी स्थिति में सड़क पर उतरकर सेना और हुकूमत के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर सकती है। इससे अंदरखाने पाकिस्तान में स्थिति बिगड़ सकती है और मुल्क हिंसा की चपेट में आकर तबाही की ओर बढ़ सकता है। यही वजह है कि आसिम मुनीर के लिए स्थिति नाजुक करार दी जा रही है। अब देखना दिलचस्प होगा कि पाकिस्तान इस चुनौती से कैसे पार पाता है।






