Tuesday, May 20, 2025
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विनिर्माण से लेकर इन्फ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र में बढ़ोतरी तक! Budget 2025 से पहले SBI रिसर्च रिपोर्ट ने चौंकाया; जानें डिटेल

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Budget 2025: संघीय बजट 2025 उपभोक्ता क्षेत्र को बढ़ावा देने का वादा करता है, जबकि दीर्घकालिक नीतियाँ शहरी आवास, बीमा और रक्षा संबंधित उद्योगों के लिए सहायक होंगी। एक हालिया रिपोर्ट में इन विकास क्षेत्रों के बारे में जानकारी दी गई है,

Budget 2025: SBI रिसर्च रिपोर्ट के अनुसार, भारत के उद्योगों को सरकार के दीर्घकालिक दृष्टिकोण के साथ तालमेल बिठाना बेहद जरूरी है, खासकर बजट 2025 के संदर्भ में। यह दृष्टिकोण मजबूत भौतिक, तकनीकी और सामाजिक ढांचे के निर्माण पर आधारित है, जिससे विभिन्न आय वर्गों को लाभ मिलेगा। यह भारत की वृद्धि के लिए महत्वपूर्ण है, खासकर विनिर्माण और अवसंरचना विकास के क्षेत्र में।

दुनिया के विनिर्माता बनने की दिशा में भारत की यात्रा

महामारी के बाद भारत ने मजबूत आर्थिक सुधार दिखाया है, जिसमें लाभप्रदता और वित्तपोषण के विकल्प महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। एक मजबूत बैंकिंग प्रणाली और गहरी पूंजी बाजारों के साथ भारत के विनिर्माण क्षेत्र को वैश्विक स्तर पर स्थापित करने के लिए यह निवेश जरूरी है। Budget 2025 से पहले रिपोर्ट में यह सुझाव दिया गया है कि भारत की रणनीतिक स्थिति इन निवेशों पर आधारित होगी, जो भविष्य की वृद्धि के लिए महत्वपूर्ण है।

Budget 2025 में प्रगतिशील टैक्स सुधार की आवश्यकता

SBI रिपोर्ट ने प्रगतिशील कर व्यवस्था की आवश्यकता पर जोर दिया है, जो बेहतर कर अनुपालन को बढ़ावा दे सके और डिस्पोजेबल आय को बढ़ाए। Budget 2025 में यदि सरकार सभी को नई कर व्यवस्था के तहत लाती है, तो इससे उपभोग बढ़ेगा, हालांकि इसके परिणामस्वरूप कर संग्रह में कुछ कमी हो सकती है। इसके बावजूद, दीर्घकालिक लाभ से समग्र आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा मिलेगा।

राजकोषीय घाटा और विकास का अनुमान

सरकार के लिए वित्तीय विवेक बनाए रखना जरूरी है, जबकि वह वित्तीय समेकन की दिशा में आगे बढ़ रही है। रिपोर्ट के अनुसार, FY26 में GDP के 4.5% तक राजकोषीय घाटा स्थिर हो सकता है, जो लगभग 15.9 लाख करोड़ रुपये होगा। वैश्विक अस्थिरताओं के बीच यह आंकड़ा “नया सामान्य” बन सकता है। स्मार्ट उधारी रणनीतियों, जैसे कि बाजार से उधारी, राजकोषीय घाटे को नियंत्रित करने और समावेशी विकास को बढ़ावा देने में मदद करेगी।

Budget 2025 में प्रत्यक्ष टैक्स और महिला केंद्रित योजनाएँ

भारत के कुल कर राजस्व में प्रत्यक्ष करों का योगदान 2023-24 में 58% तक पहुँच गया, जो पिछले 14 वर्षों में सबसे अधिक है। व्यक्तिगत आयकर संग्रह में वृद्धि हो रही है, जो 5 वर्षों में पहली बार कॉर्पोरेट कर संग्रह को पार कर गया है। हालांकि, रिपोर्ट में यह भी चिंता जताई गई है कि कई राज्यों द्वारा महिला केंद्रित योजनाएँ लागू की जा रही हैं। इन योजनाओं का उद्देश्य महिलाओं को सशक्त बनाना है, लेकिन अगर इनका सही तरीके से प्रबंधन नहीं किया गया तो ये राज्य की वित्तीय स्थिति पर दबाव डाल सकती हैं। Budget 2025 में रिपोर्ट ने एक सार्वभौमिक आय स्थानांतरण योजना को अपनाने का प्रस्ताव रखा है, जिससे सब्सिडी में कटौती और वित्तीय स्थिरता प्राप्त हो सके।

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