Delhi Election 2025: महिला वोटर दिल्ली चुनाव नतीजे तय करने जा रही हैं। दिल्ली में चुनाव दर चुनाव महिला वोटरों की भागीदारी बढ़ी है और वह निर्णायक रही हैं। न सिर्फ महिला वोटरों की संख्या बढ़ी है बल्कि मतदान में उनकी भागीदारी भी बढ़ी है। ऐसे में महिलाओं को लुभाने की कोशिश में सभी पार्टियां लगी हैं। लेकिन, सबसे पहले महिला वोटरों को लुभाने कौन जमीन पर उतरा और कौन महिला वोटरों को अपने साथ जोड़े रख सका, इसका उत्तर महत्वपूर्ण है। अपने-अपने घोषणापत्रों में कांग्रेस और बीजेपी ने महिला वोटरों के लिए कई घोषणाएं की हैं लेकिन ये घोषणाएं आम आदमी पार्टी की घोषणाओं का विस्तार ही है। सबसे पहले महिला वोटरों को रिझाने के लिए AAP उतर गयी थी और एक बार फिर पार्टी को इसका फायदा मिल सकता है।
Delhi Election 2025 निर्णायक भूमिका में महिला मतदाता
चुनाव आयोग के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार दिल्ली में महिला वोटरों की संख्या 71.74 लाख है। पुरुष 83.89 लाख हैं। कुल वोटर हैं 1.55 करोड़।
वर्ष | कुल वोटर | महिला वोटर |
2015 | 1,33,13,295 | 39,36,688 |
2020 | 1,47,97,990 | 41,76,456 |
आंकड़े बताते हैं कि विधानसभा चुनाव 2015 में 66.49 फीसद महिलाओं ने वोट किया था जबकि 2020 में 62.51 फीसद महिलाओँ ने वोट किया था। महत्वपूर्ण बात यह है कि क्या 2025 में महिलाएँ पहले से ज्यादा मतदान करेंगी? अगर ज्यादा महिलाएं मतदान करती हैं तो इसका फायदा किसे मिलेगा? 60 फीसद महिलाएं AAP को वोट करती हैं, ऐसा 2020 का सीएसडीएस का सर्वे कहता है। आप को पहले 2020 में 60 फीसदी महिलाओं ने वोट किया था। इसे वोटों के हिसाब से देखें तो 41.76 लाख महिला वोटरों में 25 लाख से ज्यादा ने आम आदमी पार्टी को वोट किया था।
2020 में EC के आंकड़ों के हिसाब से AAP को 49 लाख 74 हजार 592 वोट मिले थे। 2020 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में 1,47,97,990 वोटरों में महिला वोटरों की संख्या 66,81,638 थी। इनमें 41 लाख 76 हजार 456 महिलाओं ने वोट डाले। यानी 62.51 प्रतिशत महिलाओं ने वोट किया। पुरुषों ने भी 62.59 प्रतिशत मतदान किया था और पुरुष वोटरों की संख्या थी 50 लाख 79 हजार 780।
2020 में AAP को 49 लाख 74 हजार 592 वोट मिले थे जबकि बीजेपी को 35 लाख 75 हजार 529 वोट मिले थे। कांग्रेस को महज 3 लाख 95 हजार 958 वोट मिले थे। ये ट्रेंड जारी रहा तो 28.40 लाख महिलाएं आप को वोट करेंगी। अगर 2025 में 71.74 लाख महिला वोटरों में ट्रेंड के मुताबिक 65% महिलाओं ने मतदान किया तो यह संख्या 47.35 लाख होगी। इस वोट का 60 फीसदी महिलाएं AAP को मतदान करती है तो ‘आप’ 28.40 लाख महिला वोट पाने में कामयाब हो जाएगी।
क्या बदल सकता है दिल्ली इलेक्शन 2025 का समीकरण?
आम आदमी पार्टी महिला वोटरों में लोकप्रिय रही है। अरविन्द केजरीवाल खास तौर से लोकप्रिय रहे हैं। इसकी वजह फ्रीबीज के केंद्र में महिलाओं का होना है। फ्री बिजली, फ्री पानी, बसों में फ्री यात्रा, फ्री दवाएं, फ्री इलाज, फ्री शिक्षा जैसी योजनाओं का लाभ सबसे ज्यादा महिलाओं को मिला है। ऐसे में जब अरविन्द केजरीवाल ने महिला सम्मान योजना के तहत हर महिला के खाते में हर महीने 2100 रुपये देने की घोषणा ने महिलाओं में जोश भर दिया। हालांकि बीजेपी और कांग्रेस ने भी इससे आगे बढ़कर 2500 रुपये प्रति माह देने की घोषणा की है। सवाल यही है कि किसकी घोषणा पर दिल्ली की जनता भरोसा करने वाली हैं?
महिला सम्मान योजना का ‘आप’ को मिलेगा लाभ?
वोटरों की प्रवृत्ति यह रही है कि जब तक कि सत्ता के खिलाफ जबरदस्त असंतोष न पैदा हो जाए, जनता सत्ता में रहन वाली पार्टी और उनकी सरकार के वादे पर भरोसा करती है। यह प्रवृत्ति तभी उलटेगी जब सत्ता के खिलाफ जबरदस्त आक्रोश हो। दिल्ली के चुनाव में ये प्रवृत्ति नज़र नहीं आती। उम्मीद की जा सकती है कि जिस तरह मध्यप्रदेश में लाडली बहन योजना, महाराष्ट्र में लाडकी योजना और झारखण्ड में मईयां योजना का लाभ सत्ता में रहने वाली पार्टियों को मिला है उसी तरह से दिल्ली में भी महिला सम्मान योजना का लाभ आम आदमी पार्टी को मिल सकता है।
आम आदमी पार्टी ने महिलाओं को कई अन्य तरीके से भी लुभाया है। ऑटोवालों की बेटी की शादी में लाख रुपये देने की बात हो या फिर बुजुर्गों के लिए संजीवनी योजना जिसके तहत बुजुर्गों को पसंद के सरकारी या गैर सरकारी अस्पतालों में अनलिमिटेड इलाज मिलेगा- राहत महिलाओं को ही होगा। आम आदमी पार्टी ने महिलाओं के पर्स को मजबूत किया है। आम आदमी बचत पत्र के जरिए एक अभियान चलाकर यह बताया जा रहा है कि हर परिवार को कितने रुपये की बचत हुई है। ज्यादातर लोगों से इस पत्र पर हिसाब जोड़ने को कहा जा रहा है। संकेत यही मिल रहे हैं कि हर परिवार को 25 हजार से 50 हजार रुपये तक की बचत हर महीने हो रही है। इसका प्रभाव महिला वोटरों पर सबसे ज्यादा पड़ना तय है।
Delhi Election 2025 में AAP के पक्ष में कैसे बन रहा माहौल?
आम आदमी पार्टी के पक्ष में एक बात और जाती है कि दिल्ली की मुख्यमंत्री महिला हैं। घोषित तौर पर डिप्टी सीएम मनीष सिसौदिया हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री या तो अरविन्द केजरीवाल होंगे जैसा कि वे घोषणा भी कर रहे हैं। और, अगर अदालती कारणों से केजरीवाल मुख्यमंत्री नहीं भी बनते हैं तो यह तय है कि महिला मुख्यमंत्री आम आदमी पार्टी जारी रखेगी और आतिशी को दोबारा मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है। इस मनोविज्ञान का प्रभाव भी महिला वोटरों पर पड़ेगा।
महिलाएं चुनाव का मूड भी बदलती हैं। महिलाओं का रुख अब तक हर चुनाव में आम आदमी पार्टी के लिए दिखा है। इस रुझान को बदलने में विपक्षी दल नाकाम रहे हैं। चूकि आम आदमी पार्टी ने महिला वोटरों को रिझाने के अतिरिक्त प्रयास किए हैं इसलिए ऐसी कोई वजह नहीं दिखती कि महिला वोटरों की प्रवृत्ति में कोई बड़ा बदलाव आएगा। यही बात आम आदमी पार्टी को चुनाव में बढ़त दिलाती है।