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Guru Nanak Jayanti 2023: गुरु नानक जयंती के शुभ अवसर पर क्यों खिलाया जाता है लंगर? जानें महापर्व की खास बातें

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Ganga Dussehra 2024: हिंदू पांचाग के अनुसार ज्येष्ठ शुक्ल की दशमी तिथि का खास महत्व है और इस दिन गंगा दशहरा मनाया जाता है। धार्मिक मान्यता है कि इस खास तिथि पर ही मां गंगा का अवतरण पृथ्वी पर हुआ था।

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Ganga Dussehra 2024: धार्मिक मान्यताओं के अनुसार हिन्दुओं के प्रमुख त्योहार गंगा दशहरा को ज्येष्ठ शुक्ल दशमी तिथि पर मनाया जाता है। वर्ष 2024 की बात करें तो इस बार गंगा दशहरा 16 जून यानी रविवार के दिन मनाया जाएगा।

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Guru Nanak Jayanti 2023: आज देश भर में गुरु नानक जयंती का पर्व काफी हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। जानकारी के लिए बता दें कि हर साल कार्तिक पूर्णिमा के दिन गुरु महापर्व मनाया जाता है। गुरु नानक जयंती को गुरु पर्व के नाम से भी जाना जाता है।

इसलिए मनाया जाता है गुरू पर्व

जानकारी के लिए बता दें कि गुरु नानक देव ने ही सिख धर्म की स्थापना की थी। जिसे हर साल 27 नवंबर को गुरु पर्व के रूप में मनाया जाता है। इस दिन सभी सिख मिलकर अलग अलग जगहों पर कार्यक्रम का आयोजन करते हैं।

जानकारी के लिए बता दें कि सिखों का यह त्यौहार दुनिया भर में बहुत ही प्रेम और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। बता दें कि गुरु नानक देव का जन्म पाकिस्तान में हुआ था, उनका जन्म साल 1469 में भोई तलवंडी गांव में हुआ था। पाकिस्तान के इस गांव को अब ननकाना साहिब के नाम से भी जाना जाता है।

गुरु नानक देव जयंती की खासियत

बता दें कि गुरु नानक देव जयंती के दिन देशभर में भक्त अलग-अलग जगह पर कीर्तन करते हैं। इसके साथ ही पर्व से दो दिन पहले, ही प्रभात फेरी का आयोजन होना शुरू हो जाता है। जिसमें सभी भक्त भजन गाते हैं और अलग-अलग इलाकों में यात्रा निकावते हैं।

इसके साथ ही गुरु पर्व के खास अवसर पर गुरुद्वारों में पूरे दिन भक्त प्रार्थना करते हैं। और बेहतर भविष्य की कामना करते हैं।

वहीं गुरु नानक जयंती के इस खास अवसर पर देर रात तक भक्त लंगर चलाते हैं। बता दें कि लंगर खाना काफी ज्यादा शुभ माना जाता है। बता दें कि सिखों में लंगर को पारंपरिक प्रसाद या कड़ा प्रसाद के रूप में भी जाना जाता है।

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