शनिवार, मई 18, 2024
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Health Tips: इस विटामिन की कमी के चलते नवजात बच्चों को हो सकती है ये खरतनाक बीमारी, समय रहते देखें लक्षण

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Health Tips: पैदा हुए बच्चों का ध्यान रखना काफी मुश्किल टास्क माना जाता है।  इसी वजह से कई बार खुद बच्चे की मां अपने छोटे से बच्चें को गोद में लोना और उसका मालिश करने में काफी झिझकती है। छोटे बच्चों को छोटी सी उम्र से ही शरीर में जरूरी पोषकों को सही मात्रा में देते रहना चाहिए। नहीं तो, बड़े होने के बाद बच्चों में कई सारी कमजोरी और बीमारी देखने को मिल सकती है। एक साल से कम उम्र का बच्चा केवल अपनी मां से मिलने वाले दूध पर ही आश्रति रहता है। मां का दूध बच्चे के लिए काफी फायदेंमंद माना जाता है। मां के दूध में कैल्शियम होता है जो बच्चे की सेहत के लिए बहुत आवश्यक होता है। लोगों का मानना होता है कि मां से मिलने वाले दूध से बच्चों को सभी पोषक तत्व मिल रहे है, लेकिन यह बात पूरी तरह से सही नहीं है। छोटी सी उम्र के बच्चो को अपनी मां के दूध के साथ- साथ विटामिन –डी की बहुत आवश्यकता होती है। इस विटामिन की कमी होने से भी बच्चे को कई दिक्कतें हो सकती है। बच्चे के शरीर में विटामिन –डी की कमी होने से उसे दौरे जैसी गंभीर बीमारी का सामना करना पड़ सकता है, जो उसकी सेहत के लिए नुकसानदायक है।

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हाइपोकैल्शिमिया होने की असल वजह

हाइपोकैल्शिमिया किसी भी बच्चे को उसकी बॉडी में कैल्शियम की मात्रा कम होने के कारण होता है। बड़ा बच्चा यदि दूध नहीं पी रहा है, तो उसकी जगह पर वह ऐसी चीजें खा सकता है, जिसे उसकी यह कमी ठीक हो जाएं। लेकिन छोटे बच्चे सिर्फ अपनी मां का दूध ही पीते है। जिसे उनके शरीर में कैल्शियम की कमी पूरी होती है। लेकिन इसके अलावा जब बच्चे के शरीर में विटामिन-डी की कमी होने लगती है, तो रिपोर्ट के अनुसार उसे हाइपोकैल्शिमिया कहा जाता है। सूरज की किरणों से मिलने वाली धूप से विटामिन-डी की कमी को पूरा किया जा सकता है। लेकिन आजकल बच्चों में सही मात्रा में  विटामिन-डी नहीं मिल पा रहा है , जिस कारण से उनके शरीर में कैल्शियम अच्छी तरह से बन नहीं पाता है। विटामिन –डी कई सारे खाने की चीजों में पाया जाता है। परंतु कम उम्र होने के वजह से छोटे बच्चे इनको खाने में असक्षम रहते हैं। जिसके चलते उनके शरीर में दूध से बन रहा कैल्शियम ज्यादा देर बॉडी में रह नहीं पाता है, इसी पूरे प्रोसेस को हाइपोकैल्शिमिया कहा जात है।

हाइपोकैल्शिमिया के लक्षण को कैसे पहचानें

नाखून कमजोर होना

 जिन भी बच्चों के शरीर में हाइपोकैल्शिमिया की कमी होती है , उनके नाखून बहुत ही कमजोर होते है। और बड़ी आसानी से टूट जाते हैं।

मिर्गी और दौरे पड़ना

जब किसी भी बच्चे के शरीर में हाइपोकैल्शिमिया की कमी होती हैं, तो उनमें दौरे और मिर्गी आने का खतरा बढ़ जाता है। जिसे उन्हें कई परेशानी हो सकती हैं।

शरीर के ग्रोथ में कमी

हाइपोकैल्शिमिया की कमी होने से बच्चे के मानसिक और शारीरिक विकास होना बहुत कम हो जाता है और उनकी ग्रोथ एकदम से रूक जाती है। इसके साथ ही बच्चों के हाथ-पैरों में काफी सेंसेशन होती है। जिसके चलते बच्चों के हाथ-पैर काफी सख्त हो जाते हैं।

हाइपोकैल्शिमिया से कैसे करें बच्चों का बचाव

हाइपोकैल्शिमिया की कमी से बच्चों को इन बीमारियों से बचाने के लिए रोज एक घंटे धूप में ले जाना बहुत जरूरी है। धूप में जाने से बच्चों के शरीर को विटामिन-डी सही मात्रा में मिलने लगता है। जिसे उनका शररी एक दिन स्वास्थ रहेगा।

डिस्क्लेमर: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों को केवल जानकारी के रूप में लें। DNP News Network/Website/Writer इनकी पुष्टि नहीं करता है। इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

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Akansha Tiwari
Akansha Tiwarihttps://www.dnpindiahindi.in
आकांक्षा तिवारी ने हाल ही में IP यूनिवर्सिटी से अपनी पत्रकारिता की पढ़ाई पूरी की है। अपने करियर की शुरुआत उन्होंने DNP इंडिया से की है। जहां वे बतौर एजुकेशन और लाइफस्टाइल कॉन्टेंट राइटर के तौर पर अपनी सेवाएं दे रही हैं। इससे पहले वो कई मीडिया चैनलों के साथ बतौर इंटर्न भी काम कर चुकी हैं।

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