Delhi Mayor Election: दिल्ली की केजरीवाल सरकार तथा उपराज्यपाल के मध्य एक बार पुनः विवाद हो गया है। इस बार यह विवाद दिल्ली के मेयर पद के चुनाव को लेकर खड़ा हुआ है।

जानें अब क्या है यह नया विवाद

आपको बता दें दिल्ली के उपराज्यपाल पद और मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल के मध्य शक्तियों का झगड़ा अब आम हो गया है और किसी न किसी प्रशासनिक, कार्मिक अथवा विधायी विषयों पर शक्तियों को लेकर विवाद होता रहता है। इस बार का विवाद पहली बार एमसीडी में भी विजय प्राप्त कर आई  सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी का मेयर पद की चुनाव प्रक्रिया को लेकर हो गया है। आपको बता दें दिल्ली एमसीडी के मेयर का चुनाव आगामी शुक्रवार को होना है। जिसके लिए एक पीठसीन अधिकारी की नियुक्ति होनी है। जिसका अधिकार है दिल्ली नगर निगम के मेयर का चुनाव अपनी देखरेख में करवाए। ऐसे में दिल्ली के उपराज्यपाल विनय सक्सेना ने शुक्रवार कोहोने वाले मेयर पद भाजपा पार्षद सत्या शर्मा को पीठासीन अधिकारी नियुक्त कर दिया है। वहीं आम आदमी पार्टी ने अपने पार्षद मुकेश गोयल को प्रस्तावित कर उपराज्यपाल को भेजा था। 

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उपराज्यपाल बोले वरिष्ठता के आधार पर किया चयन

पीठासीन अधिकारी की अपनी नियुक्ति को लेकर बड़े विवाद को देखते हुए उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने स्पष्ट करते हुए कहा कि पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति उनकी वरिष्ठता के आधार पर की गई है। आपको बता दें कि भाजपा पार्षद सत्या शर्मा 1997 से एमसीडी की पार्षद है। जबकि आम आदमी पार्टी के मुकेश गोयल दूसरी बार ही पार्षद बने हैं। आम आदमी पार्टी प्रयास कर रही है कि पीठासीन अधिकारी उनकी पार्टी का ही नियुक्त हो।

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