D-SIB Bank: बीते दिनों अमेरिका के दो बैंक सिलिकॉन वैली बैंक और सिग्नेचर बैंक के बंद होने के बाद दुनियाभर में हाहाकार की स्थिति उत्पन्न हो गई। इन बैंकों पर ताला लगने से अमेरिका के बैंकिंग सिस्टम को एक बड़ा झटका लगा। हालांकि, स्थिति इतनी नहीं बिगड़ी मगर इन झटकों ने अमेरिक और भारत समेत दुनिया के कई देशों को सतर्क करने का काम किया।
आपको बता दें कि अमेरिका के इन बैंकों के डूबने से भारत पर कोई खास प्रभाव नहीं पड़ा। मगर भारत के लोगों में एक बड़ी चिंता जरूर पैदा हो गई है। लोगों को इस बात की चिंता हो रही है कि कही उनका बैंक भी डूब गया तो उनकी जिंदगीभर की कमाई का क्या होगा? यहां पर आपको बता दें कि सरकार ऐसी स्थिति में इंश्योरेंस कवर प्रदान करती है। वहीं, भारत में तीन बैंक ऐसे हैं, जो कभी डूब ही नहीं सकते हैं। ऐसे बैंकों को डीएसआईबी (DSIB) बैंक कहा जाता है। जानिए पूरी जानकारी।
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भारत के तीन बैंक- एसबीआई, एचडीएफसी और आईसीआईसीआई बैंकों को DSIB बैंक का दर्जा दिया गया है। DSIB का मतलब होता है डोमेस्टिक सिस्टमेटिकली इम्पॉर्टेंट बैंक। इन बैंकों को देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ कहा जाता है। इन बैंकों के बंद होने से देश की अर्थव्यवस्था पर बड़ा संकट आ जाता है। यही वजह है कि सरकार इन बैंकों को किसी भी हाल में डूबने नहीं दे सकती है। DSIB सिस्टम को साल 2008 की आर्थिक मंदी के बाद लागू किया गया था।
देश का केंद्रीय बैंक मतलब भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) बैंकों के ग्राहकों की क्षमता, परफॉर्मेस के आधार पर स्कोर जारी करता है। किसी भी बैंक का DSIB की लिस्ट में शामिल होने के लिए उस बैंक की संपत्ति राष्ट्रीय जीडीपी से 2 फीसदी अधिक हो। RBI की महत्ता के आधार पर उसे पांच अलग-अलग बकैट्स में रखता है। इसमें बकैट वन को कम इंपोर्टेंट और बकैट पांच को सबसे अधिक जरूरी समझा जाता है। DSIB की लिस्ट में SBI बकैट तीन में और HDFC और ICICI को बकैट वन में रखा गया है।
आपको बता दें कि RBI ने DSIB स्टेट्स वाले बैंकों के लिए कड़े निर्देश जारी किए हुए हैं। RBI की गाइडलाइन के मुताबिक, इन बैंकों को खराब से खराब आर्थिक स्थिति के लिए तैयार रहने के लिए कहा गया है। ऐसे में अगर आपका बैंक इनमें से किसी बैंक में है तो आप चैन से सो सकते हैं।
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