ChatGPT: ओपन एआई के आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस टूल चैटजीपीटी (ChatGPT) ने दुनियाभर में धमाका मचा रखा है। ओपन एआई ने जब से इस चैटबॉट को लॉन्च किया है, तभी से इसकी खूबियों ने लोगों को अपना दीवाना बना रखा है। बाजार में आने के बाद से लोग इसका बढ़कर इस्तेमाल कर रहे हैं। वहीं, इस चैटबॉट के आने से लोगों की नौकरियां खतरे में पड़ गई है। मगर अब खबर आ रही है कि इसकी वजह से 2 करोड़ रुपये की कमाई की गई है। जी हां, ये सच है, जानिए क्या है पूरी खबर।
ChatGPT से कमाएं 28 लाख रुपये
दरअसल, एक खबर आई है कि एक आदमी ने ChatGPT का कोर्स करके सिर्फ 3 महीने में ही 28 लाख रुपये कमा लिए। इस खबर के बाहर आने के बाद हंगामा मच गया कि कि क्या सच में ChatGPT से इतनी रकम कमाई जा सकती है।
दरअसल, मीडिया में जारी खबरों की मानें तो आईटी कंपनियों में इन दिनों प्रॉम्प्ट इंजीनियर्स की मांग काफी तेजी से बढ़ रही है। इसी वजह से मशीन लर्निंग और एआई टूल के क्षेत्र में नौकरियां तेजी से बढ़ रही है। बताया जा रहा है कि इनसे वार्षिक तौर पर 2 करोड़ की कमाई की जा सकती है।
प्रॉम्प्ट इंजीनियर्स का क्या है काम
प्रॉम्प्ट इंजीनियर्स बनने के लिए कोर्स भी कराए जा रहे हैं। इसके लिए किसी भी खास डिग्री की जरूरत नही होती है। प्रॉम्प्ट इंजीनियर्स किसी भी क्षेत्र के हो सकते हैं। प्रॉम्प्ट इंजीनियर्स का काम होता है कि वो एआई टूल से बेहतर तरीके से काम कराए वो भी कम समय में, इसके लिए प्रॉम्प्ट इंजीनियर्स को इस बात की जानकारी होती है कि उन्हें चैटबॉट से कैसे सवाल पूछने हैं। इस तरह से प्रॉम्प्ट इंजीनियर्स एआई टूल को पहले से बेहतर बनाने का काम करते हैं। ऐसा करके इंजीनियर्स कंपनियों के राजस्व को बढ़ाने का काम करते हैं। साथ ही कंपनियों के काम के प्रेशर को कम किया जा सकता है।
क्या होनी चाहिए योग्यता
अगर आपने एआई टूल या फिर मशीन लर्निंग जैसे कोर्स किए हैं और आपके पास एआई की अच्छी जानकारी है तो आप इस फील्ड से शानदार कमाई कर सकते हैं। इसके साथ ही अगर आपने साइंस, आईटी, डेटा साइंस और कंप्यूटर साइंस की पढ़ाई की है तो आप प्रॉम्प्ट इंजीनियर्स का कोर्स कर सकते हैं।
8 से 12 महीने में बदल जाएगी जिंदगी
आपको बता दें कि एआई मशीन लर्निंग का कोर्स 8 से 12 महीने का होता है। इस दौरान आपको एआई टूल की सारी जानकारी दी जाएगी। कोर्स के बाद किसी भी टेक कंपनी में अच्छी कमाई कर सकते हैं, क्योंकि आजकल तेजी से चैटबॉट की मांग बढ़ रही है।