बुधवार, मई 8, 2024
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Mecca Madina: झूठ या सच! मक्का मदीना में 360 मूर्तियों की क्या है सच्चाई , जानें पूरी डिटेल

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Mecca Madina: हर साल मक्का और मदीना की यात्रा पर दुनियाभर के करोड़ो लोग जाते है। आपको बता दें कि मक्का मुसलमानों का प्रमुख तीर्थस्थल है। लोग अक्सर इस सवाल से परेशान रहते हैं कि इस्लाम के आगमन से पहले अरब और उसका परिवेश कैसा था और उसकी संस्कृति कैसी थी। हालांकि इस्लाम के आने से पहले का लिखित अरबी इतिहास बहुत थोड़ी ही मात्रा में उपलब्ध है।

लिखित अरबी इतिहास का अभाव

इस्लाम के आने से पहले, अरबी का बहुत अधिक लिखित इतिहास उपलब्ध नहीं है। इसका मुख्य कारण उस समय अरबों में शिक्षा का अत्यंत निम्न स्तर था। उन्हें लिखने की अपेक्षा कविता और इतिहास याद करना अधिक सहज लगता था। किसी भी चीज को याद रखना एक बहुत बड़ी कला है।

क्योंकि एक बार जब कोई चीज दिमाग में याद हो जाती है, तो उसके भूलने की संभावना बहुत कम हो जाती है। शुरू में मुस्लमानों द्वारा कुरान को याद करने के पीछे यही कारण था। मालूम हो कि बाद के ख़लीफ़ाओं के शासनकाल के दौरान अरब में जो भी लिखित इतिहास बचा था वह या तो नष्ट हो गया या युद्ध में हार गया।

360 मूर्तियों का क्या है सच?

काबा के आसपास की तीन सौ साठ मूर्तियाँ दर्शाती हैं कि अन्य सभ्यताओं की तरह अरब भी ग्रहों की पूजा करते थे। यह विचार करेन आर्मस्ट्रांग के उपन्यास इस्लाम: एक शॉर्ट स्टोरी द्वारा समर्थित है। उनका दावा है कि तीन सौ साठ मूर्तियाँ एक वर्ष में तीन सौ साठ दिनों का प्रतीक थी। इसके अलावा, ग्रह-संबंधी देवी-देवताओं का अस्तित्व इस विचार का और भी अधिक समर्थन करता है।

जानकारी के मुताबिक अरब ऐसा इसलिए करता था कि विभिन्न भावना के लोगों के लिए यह आस्था का केंद्र बना रहे। धार्मिक से कही ज्यादा इसका राजनीतिक महत्तव था। क्योकि हर साल हज करने के लिए दूर दराज से लोग आते थे। इसलिए यह व्यापारिक नजरिए से भी काफी महत्वपूर्ण था।

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