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Tripura Assembly Election Results 2023: त्रिपुरा में राहुल गांधी ने नहीं की थी चुनावी रैली, कांग्रेस को भारी नुकसान

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Tripura Assembly Election Results 2023: पूर्वोत्तर के तीन राज्यों मेघालय, त्रिपुरा और नागालैंड के विधानसभा चुनाव के वोटों की गिनती जारी है। अब तक हुई गिनती में नागालैंड और त्रिपुरा में भाजपा आगे चल रही है तो मेघालय में एनपीप (NPP) के सामने सब फेल है। त्रिपुरा में काफी उतार-चढ़ाव के बाद बीजेपी गठबंधन ने एक बार फिर 31 विधानसभा सीटों पर बढ़त बना ली है। यहां लेफ्ट और कांग्रेस के गठबंधन को महज 12 सीटों पर ही बढ़त दिख रही है।

मेघालय-नागालैंड में कांग्रेस को नुकसान

मेघालय और नागालैंड में भी कांग्रेस का सूपड़ा साफ होता नजर आ रहा है। नागालैंड में कांग्रेस एक भी सीट पर आगे नहीं चल रही है तो मेघालय में 6 विधानसभा सीटों पर कांग्रेस ने बढ़त बना रखी है। इस आंकड़े को देखें तो साल 2023 की शुरुआत कांग्रेस के लिए निराशाजनक रही है। 2023 को चुनावी साल भी कहा जा रहा है क्योंकि साल के अंत तक राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में भी विधानसभा चुनाव होने हैं। इन तीनों राज्यों में से दो राज्यों में कांग्रेस की सरकार है।

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भाजपा के प्रचार को मिली जीत- कांग्रेस 

अब तक के परिणामों को देखकर कांग्रेस नेता अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा कि परिणाम हमारी उम्मीदों से अलग है। वहीं, कांग्रेस नेत्री सुप्रिया श्रीनेत कहती हैं कि यहां भाजपा के प्रचार को जीत मिली है। इस परिणाम को पूरे देश का रुझान कहना गलत होगा। साथ ही वे कहती हैं कि केंद्र की सत्ता में कौन है, पूर्वोत्तर राज्यों के चुनाव परिणाम इस बात पर भी तय होते हैं।

राहुल गांधी पर सवालिया निशान

वहीं, पूर्वोत्तर राज्यों के चुनाव में राहुल गांधी के प्रचार नहीं करने पर भी राजनीतिक विश्लेषक सवाल उठा रहे हैं। राहुल गांधी ने सिर्फ मेघालय में एक चुनावी रैली की थी। लेकिन त्रिपुरा में वे चुनावी रैली के लिए नहीं गए थे। ऐसे में राजनीतिक विश्लेषक कांग्रेस की रणनीति पर सवाल खड़े कर रहे हैं। इन तीनों राज्यों के चुनाव में भाजपा ने अपनी पूरी चुनावी मशीनरी को लगा दिया था। पीएम मोदी ने भी त्रिपुरा में कई चुनावी रैलियां की थी तो भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी जोर-शोर से प्रचार-प्रसार किया था। इन सबके साथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी त्रिपुरा का दौरा किया था और उन्होंने हिंदुत्व के मुद्दे को जोर-शोर से उठाया था। भाजपा नेताओं के प्रचार-प्रसार को देखते हुए कांग्रेस की रणनीति पर सवाल उठना लाजिमी है।

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