रविवार, मई 5, 2024
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Gut Health को मेंटेन करने के लिए प्रोबायोटिक और प्रीबायोटीक पर दें ध्यान, सिर्फ खानपान में सुधार से ये परेशानियां होगी दूर

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गर्मियों के शुरू होते ही कई सारी शारीरिक समस्याएं शुरू हो जाती हैं। खासकर गर्मी में पेट से जुड़ी समस्याएं घर बनाने लगती है। गर्मी के मौसम में अगर आप ज्यादा तला बना या मसालेदार खाना खाते हैं, तो आपको गैस या कब्ज की समस्या हो सकती हैं। अगर आप भी ऐसे लोगों में हैं जो गैस और कब्ज से परेशान हैं। तो आइए आज हम आपको ऐसी ड्रिंक्स के बारे में बताते हैं, जिन्हें पीने से कब्ज और गैस की समस्या से मुक्ति मिलेगी।

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गलत खानपान और गलत लाइफ़स्टाइल हमारी सेहत पर काफी बुरा असर डाल रही है। गलत खानपान हमारे शरीर में गट प्रॉब्लम यानी पेट की समस्या उत्पन्न करती हैं।

Gut Health: गट हेल्थ पर ध्यान देना बेहद जरूरी है क्योंकि यह हमारे शरीर के लिए महत्वपूर्ण है। अगर आप गट हेल्थ को मेंटेन रखना चाहते हैं तो इसके लिए जरूरी है कि आपके शरीर में प्रोबायोटिक और प्रीबायोटिक मेंटेन रहे नहीं तो आपको काफी परेशानियों का भी सामना करना पड़ सकता है।डॉक्टर प्रियंका शेहरावत ने एक वीडियो शेयर कर लोगों को इस बारे में जानकारी देती हुई नजर आई और उन्होंने समझाया कि कैसे प्रोबायोटिक और प्रीबायोटिक को किया जा सकता है मेंटेन और किन फूड आइटम्स को डाइट में करें शामिल।

Gut Health बिगड़ने से हो सकती है ये समस्याएं

डॉ प्रियंका के मुताबिक पेट में दर्द होना, बार-बार गैस बनना, ब्लोटिंग रहना, डाइजेशन, आईबीएस इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम दिखाती है कि हमारा गट हेल्थ ठीक नहीं है। ऐसे में गट हेल्थ को मेंटेन करने के लिए प्रोबायोटिक और प्रीबायोटिक का रोल होता है। जी हां, प्रोबायोटिक और प्रीबायोटिक के जरिए ही मेंटेन किया जा सकता है क्योंकि दोनों ही हमारे शरीर के लिए जरूरी है।

क्या है प्रोबायोटिक

प्रोबायोटिक दही, योगर्ट, फर्मेंटेड फूड आइटम्स इडली हमारी इंटेस्टाइन में कुछ गुड बैक्टीरिया होते हैं जो कि हमारी गट को, हमारी इंटेस्टाइन की सेल को, लाइनिंग को मेंटेन करके रखते हैं। ये फूड डाइजेशन के लिए भी सही है। प्रोबायोटिक भी गुड बैक्टीरिया होते हैं। यह फूड आइटम्स गुड बैक्टीरिया की मात्रा को बढ़ा देते हैं।

आखिर क्या है प्रीबायोटिक

प्रीबायोटिक वह कंपाउंड होते हैं जो हमारी इंटेस्टाइन में पहले से गुड बैक्टीरिया मौजूद है उनके ग्रोथ में मदद करती है और उसकी मात्रा को उस तरीके से बढ़ाती हैं। केला, ओट्स, दलिया जैसे फूड आइटम्स का आप सेवन कर सकते हैं क्योंकि यह इजीली डाइजेस्ट भी हो जाता है।

प्रोबायोटिक और प्रीबायोटिक को मेंटेन रखना जरूरी

ऐसे में प्रियंका शेरावत यह कहती हैं कि अगर आपको डाइजेशन संबंधी कोई भी समस्या है तो जरूरी है कि आप प्रोबायोटिक और प्रीबायोटिक फूड आइटम्स को अपने डाइट में शामिल करें ना कि एक को क्योंकि दोनों को मेंटेन रखना जरूरी है।

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Anjali Wala
Anjali Walahttp://www.dnpindiahindi.in
अंजलि वाला पिछले कुछ सालों से पत्रकारिता में हैं। साल 2019 में उन्होंने मीडिया जगत में कदम रखा। फिलहाल, अंजलि DNP India वेब साइट में बतौर Sub Editor काम कर रही हैं। उन्होंने बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी से हिंदी पत्रकारिता में मास्टर्स किया है।

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