शुक्रवार, मई 3, 2024
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Artificial Intelligence: क्या है AI का भविष्य? 2030 तक कितनी नौकरियों पर इसका पड़ सकता है प्रभाव

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Artificial Intelligence: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) तकनीक काफी तेजी से विकासित हो रहा है। जो आधुनिक जीवन के कई पहलुओं को बदल रहा है। वहीं कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि एआई का इस्तेमाल गलत उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है। चलिए आपको बताते है इस लेख के माध्यम से कि एआई क्या है? आने वाले समय में यह कितना खतरनाक या फायदेमंद हो सकता है। मानव जीवन पर इसका कितना प्रभाव पड़ेगा।

Artificial Intelligence क्या है?

Artificial Intelligence (एआई) कंप्यूटर विज्ञान का क्षेत्र है जो आमतौर पर मानव बुद्धि से जुड़ी संज्ञानात्मक समस्याओं, जैसे सीखने, निर्माण और छवि पहचान को हल करने के लिए समर्पित है। इसके ज़रिये कंप्यूटर सिस्टम या रोबोटिक सिस्टम तैयार किया जाता है, जिसे उन्हीं तर्कों के आधार पर चलाने का प्रयास किया जाता है जिसके आधार पर मानव दिमाग काम करता है। एआई का लक्ष्य स्व-शिक्षण प्रणाली बनाना है जो डेटा से अर्थ प्राप्त करता है। फिर, एआई उस ज्ञान को मानव जैसे तरीकों से नई समस्याओं को हल करने के लिए लागू कर सकता है।

Artificial Intelligence के क्या फायदे है?

जटिल समस्याओं का समाधान करना – आप धोखाधड़ी का पता लगाने, चिकित्सा निदान और व्यवसाय विश्लेषण जैसे कई क्षेत्रों में समस्याओं को हल करने के लिए एआई का उपयोग कर सकते हैं।

व्यावसायिक दक्षता बढ़ाएं – इंसानों के विपरीत, एआई तकनीक प्रदर्शन की दर कम किए बिना 24 घंटे सातो दिन काम कर सकती है। दूसरे शब्दों में कहे तो AI बिना किसी गलती के मैन्युअल कार्य कर सकता है।

बेहतर निर्णय लेना – एआई तुलनात्मक रूप से किसी भी इंसान की तुलना में बड़ी मात्रा में डेटा का तेजी से विश्लेषण करने के लिए एमएल का उपयोग कर सकता है। एआई प्लेटफॉर्म रुझानों का पता लगा सकते हैं, डेटा का विश्लेषण कर सकते हैं और मार्गदर्शन प्रदान कर सकते हैं।

Artificial Intelligence 2030 तक नौकरियों को कैसे प्रभावित करेगा?

Artificial Intelligence
फाइल फोटो प्रतिकात्मक

एक अनुमान के मुताबिक, 2030 तक भारत में 1.6 करोड़ नौकरियों पर AI का खतरा हो सकता है। यह कुल कार्यबल का लगभग 10% है। हालांकि, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है किArtificial Intelligence न केवल नौकरियों को हटा देगा, बल्कि नई नौकरियों को भी पैदा करेगा। अनुमान है कि 2030 तक भारत में AI से जुड़ी 97 लाख नई नौकरियां पैदा होंगी। इसलिए, कुल मिलाकर, AI भारत में रोजगार के अवसरों को बढ़ाने की संभावना है, लेकिन कुछ क्षेत्रों में नौकरी के नुकसान भी होंगे।

भारत में Artificial Intelligence की संभावनाएं

आपको बता दें कि देश में कई क्षेत्रों में Artificial Intelligence का प्रयोग किया जा सकता है। गौरतलब है कि देश में इसकी संभावना को देखते हुए उद्योग जगत ने सरकार को सुझाव दिया है कि वह उन क्षेत्रों की पहचान करें जहां आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल फायदेमंद हो सकता है। बता दें कि सरकार भी चाहती है कि सुशासन के लिहाज से देश में जहा संभव हो वहां Artificial Intelligence का इस्तेमाल किया जाए। वहीं उद्योग जगत ने सरकार से इसके लिए कुछ बिंदुओं पर फोकस करने के लिए कहा है।

●आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के लिये देश में एक अथॉरिटी बने जो इसके नियम-कायदे तय करे और पूरे क्षेत्र की निगरानी करे।

●सरकार उन क्षेत्रों की पहचान करे जहाँ प्राथमिकता के आधार पर इसका इस्तेमाल किया जा सकता है।

●ऊर्जा, शिक्षा, स्वास्थ्य, परिवहन, कृषि आदि इसके लिये उपयुक्त क्षेत्र हो सकते हैं।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का भविष्य

स्वास्थ्य देखभाल उद्योग – एआई किसी फिटनेस बैंड या किसी व्यक्ति के मेडिकल इतिहास से डेटा पढ़कर, पैटर्न का विश्लेषण करके और उचित दवा का सुझाव देकर लक्षणों के आधार पर बीमारियों का निदान कर सकता है।

शिक्षा क्षेत्र में एआई का इस्तेमाल – हम देख सकते हैं कि अभी एआई पर बहुत सारे पाठ्यक्रम उपलब्ध हैं। हालांकि, एआई भविष्य में पारंपरिक स्कूली शिक्षा को बदल सकता है। आने वाले समय में एआई शिक्षा क्षेत्र में बहुत सारे बदलाव ला सकता है।

वित्तीय क्षेत्र में एआई का इस्तेमाल – किसी भी देश की आर्थिक और वित्तीय स्थिति सीधे उसके विकास की मात्रा से जुड़ी होती है। वहीं आने वाले समय में एआई की मदद से वित्तीय क्षेत्र में एक नया कीर्तिमान हासिल हो सकता है।

सैन्य सुरक्षा में एआई का इस्तेमाल – एआई-सहायता प्राप्त सैन्य प्रौद्योगिकियों ने स्वायत्त हथियार प्रणालियां बनाई हैं जिनके लिए लोगों की आवश्यकता नहीं है, जिसके परिणामस्वरूप देश की सुरक्षा में सुधार करने का सबसे सुरक्षित तरीका सामने आया है। निकट भविष्य में, हम ऐसी रोबोट सेना देख सकते हैं जो एक सैनिक/कमांडो जितनी बुद्धिमान हो और विभिन्न कार्य करने में सक्षम हो।

स्मार्ट कारें पहले ही बाजार में आ चुकी हैं। 2015 में केवल 8% ऑटोमोबाइल और अन्य वाहनों में एआई-संचालित प्रौद्योगिकियां स्थापित थीं, लेकिन 2025 तक, यह प्रतिशत बढ़कर 109% होने का अनुमान है। इस समय, ऑटोमोटिव व्यवसाय में कनेक्टेड कारें बहुत लोकप्रिय हैं।

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